Ramree Island: वैसे तो आपने दुनिया भर में जंग और हिंसा से जुड़े कई बड़े किस्से सुने होंगे, लेकिन कुछ घटनाएं इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए छप गईं हैं, इसी तरह ये कहानी भी डर और खौफ का निशान छोड़ जाती हैं। ऐसी ही एक घटना द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान म्यांमार के रामरी द्वीप पर घटी थी। इस द्वीप पर हुई इस घटना को दुनिया का सबसे खतरनाक जानवर हमला माना जाता है। कहा जाता है कि सैकड़ों जापानी सैनिकों को मगरमच्छों ने कच्चा चबा लिया था.
जानिए खौफनाक कहानी
हैरान कर देने वाली बात ये है कि इस आइलैंड की कहानी 1945 की है, द्वितीय विश्व युद्ध के अंतिम चरण के दौरान। ब्रिटिश सेना ने म्यांमार के रामरी द्वीप पर जापानी सैनिकों को घेर लिया था। इस दौरान लगभग 1,000 जापानी सैनिकों को पीछे हटने पर मजबूर होना पड़ा। इस दौरान अपनी जान बचाने के लिए, उन्होंने एक दलदली मैंग्रोव जंगल में छिपने का फैसला किया। लेकिन उन्हें क्या पता था ये फैसला उनकी जान ले लेगा। इस दौरान उन्हें लगा कि वो घने जंगल में ब्रिटिश सेना से बच निकलेंगे, लेकिन उन्हें इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि उनके अपने सैनिकों से भी बड़ा खतरा वहां पहले से ही मौजूद है.
दहाड़े मारते रह गए फौजी
कहा जाता है कि यह दलदल विशाल खारे पानी के मगरमच्छों का महल था। जैसे ही रात हुई, ब्रिटिश सैनिकों ने दलदल से भयानक चीखें और गोलियों की आवाज़ें सुनीं। ये आवाज़ें रात भर सुनाई देती रहीं। ये किसी देश से जंग नहीं थी बल्कि मगरमच्छों के हमलों से खुद को बचाने की कोशिश कर रहे सैनिकों की आवाज़ें थीं। वहीं फिर अगले दिन जब ब्रिटिश सैनिक दलदल में दाखिल हुए, तो उन्होंने एक खौफनाक मंजर देखा । हर जगह लाशें पड़ी थीं, उनकी हालत पहचान से परे थी। कहा जाता है कि दलदल में दाखिल हुए 1,000 जापानी सैनिकों में से केवल 20 ही जिन्दा बचे। बाकी सैनिकों को कच्चा चबा लिया गया.