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Rules For Tying kalawa In Puja: यहां जाने पूजा में महिलाओं को कलावा बांधने के जरूरी नियम! कितनी बार लिपेटना चाहिए कलावा?

Importance Rules For Tying Kalawa: हिंदू धर्म में पूजा के दौरान कलावा बाधना बेहद शुभ होता है और इसे एक रक्षा सूत्र के तौर पर कलाई पर बांधा जाता हैं. लेकिन क्या आपने सोचा है कि शादी से पहले लड़कियों के सीधे हाथऔर विवाह के पश्चात कलावा उल्टे हाथ पर कलावा क्यों बाधा जाता है? आइए जानते हैं क्या है रहस्य

Written By: Chhaya Sharma
Last Updated: September 23, 2025 16:50:40 IST

Rules For Tying kalawa In Puja: हिंदू धर्म में पूजा के दौरान कलावे को महत्वपूर्ण बताया गया और इस एक रक्षा सूत्र के तौर पर कलाई पर बांधा जाता हैं. मंदिर के पंडित या पुजारी कलाई पर कलावा बांधते समय विशेष तरह के मंत्रों का उच्चारण भी करते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, लड़कों (पुरुषों) और कुंवारी लड़कियों को दाहिने (सीधे) हाथ में कलावा बंधवाया जाता है, वहींविवाहित महिलाओं के लिए बाएं हाथ में कलावा बांधने का विधान है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि शादी से पहले लड़कियों के सीधे हाथ पर कलावा क्यों बांधा जाता है? और विवाह के पश्चात कलावा उल्टे हाथ पर क्यों बाधंने लगते है? आइए जानते हैं क्या है रहस्य 

शादी से पहले सीधे हाथ में क्यों बांधा जाता है कलावा

शादी से पहले अविवाहित लड़कियों को ब्रह्मचारी का रूप माना जाता है, इसलिए शादी से पहले लड़कियों के सीधे हाथ पर कलावा बांधाने की परंपरा है, वहीं सीधे हाथ का संबंध कर्म और अनुशासन से होता है, जो हर ब्रह्मचारी व्यक्ति के लिए बेहद जरूरी है. विवाह होने के बाद महिलाएं अर्धांगनि बन जाती हैं और वो आधा अंग बाएं तरफ माना जाता है, इसलिए शादी के बाद महिला के उल्टे हाथ में ही कलावा बांधा जाता है. चलिए  जानते हैं ज्योतिषीय रहस्य? 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सीधे हाथ का संबंध सूर्य नाड़ी, जिसे पिंगला नाड़ी भी कहते है से होता है और सीधे हाथ में कलावा बांधना आत्मविश्वास और शक्ति में इजाफा करता है, वहीं वहीं चंद्र नाड़ी का संबंध उल्टे हाथ से होता है, जिसे ईडा नाड़ी भी कहते हैं. वहीं चंद्र नाड़ी का संबंध उल्टे हाथ से होता है, जिसे ईडा नाड़ी भी कहा जाता है. जो वैवाहिक जीवन में सौम्यता को दर्शाता है. यही वजह हा किसे शादी के बाद से स्त्रियों के उल्टे हाथ में कलावा बांधा जाता है.

कलावे को हाथ में कितने बार लपेटना चाहिए?

कलावे को कलाई पर करीब 3 बार लपेटना चाहिए, जो त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) को  दर्शाता है. इसके अलावा यह त्रिऋण (देवऋण,ऋषिऋण और पितृ ऋण) का भी प्रतीक माना जाता है. इसीलिए कलावे को तीन बार लपेटना शुभ माना जाता है.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है. पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें. India News इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है.

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