Live
Search
  • Home>
  • Photos»
  • देखने के बाद भी नहीं भूल पाएंगे बॉलीवुड कि ये 4 फिल्में, जो लोगो के दिलो में आज भी ज़िंदा है

देखने के बाद भी नहीं भूल पाएंगे बॉलीवुड कि ये 4 फिल्में, जो लोगो के दिलो में आज भी ज़िंदा है

कुछ फिल्में सिर्फ मनोरंजन नहीं देतीं, बल्कि हमारी सोच और भावनाओं को भी छूती हैं। बॉलीवुड में ऐसी कई फिल्में हैं, जिन्हें शुरू में ज्यादा सफलता नहीं मिली, लेकिन समय के साथ उनका महत्व बढ़ गया। 1989 से 2005 के बीच आई चार ऐसी फिल्में हैं: सलिम लंगड़े पे मत रो, एक डॉक्टर की मौत, मक़बूल, और सेहर। ये फिल्में गरीबी, अपराध, सामाजिक अन्याय और अंडरवर्ल्ड जैसी गहरी और कठिन वास्तविकताओं को दिखाती हैं और आज भी दर्शकों को सोचने पर मजबूर करती हैं।

Last Updated: September 23, 2025 | 7:54 PM IST
देखने के बाद भी नहीं भूल पाएंगे बॉलीवुड कि ये 4 फिल्में, जो लोगो के दिलो में आज भी ज़िंदा है - Gallery Image
1/7

सिनेमा के दो रूप

सिनेमा आमतौर पर दो तरह का होता है। एक वह, जो केवल मनोरंजन देता है और जिसे बिना ज्यादा सोच-विचार के देखा जाता है। दूसरा वह, जो हमारी पूरी ध्यान और समय मांगता है। इसे हम अक्सर “महत्वपूर्ण फिल्में” कहते हैं।

देखने के बाद भी नहीं भूल पाएंगे बॉलीवुड कि ये 4 फिल्में, जो लोगो के दिलो में आज भी ज़िंदा है - Gallery Image
2/7

यादगार बॉलीवुड फिल्में

कुछ बॉलीवुड फिल्में बार-बार देखने के बावजूद हमें नए अनुभव और भाव देती हैं। इनमें कई फिल्में बॉक्स ऑफिस पर ज्यादा सफल नहीं रहीं, लेकिन समय के साथ उनकी महत्ता बढ़ गई। 1989 से 2005 के बीच चार ऐसी फिल्में आईं: सलिम लंगड़े पे मत रो, एक डॉक्टर की मौत, मक़बूल, और सेहर।

देखने के बाद भी नहीं भूल पाएंगे बॉलीवुड कि ये 4 फिल्में, जो लोगो के दिलो में आज भी ज़िंदा है - Gallery Image
3/7

सलिम लंगड़े पे मत रो (1989)

इस फिल्म में पवन मल्होत्रा मुख्य भूमिका में थे। यह कहानी सलिम नाम के युवक की है, जो गरीबी के कारण अपराध की दुनिया में आता है। अंत में वह शिक्षा और नई शुरुआत की ओर लौटता है, लेकिन दुखद अंत होता है। फिल्म सामाजिक अन्याय और गरीबी की कठिनाइयों को ईमानदारी से दिखाती है।

देखने के बाद भी नहीं भूल पाएंगे बॉलीवुड कि ये 4 फिल्में, जो लोगो के दिलो में आज भी ज़िंदा है - Gallery Image
4/7

एक डॉक्टर की मौत (1990)

यह फिल्म डॉ. सुभाष मुखोपाध्याय की असली कहानी पर आधारित है, जो लेप्रसी की वैक्सीन पर काम कर रहे थे। पंकज कपूर ने डॉक्टर का शानदार अभिनय किया। फिल्म में दिखाया गया कि कैसे समर्पित वैज्ञानिक को सरकारी तंत्र और भ्रष्टाचार से संघर्ष करना पड़ता है। इस फिल्म ने दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और कई फिल्मफेयर सम्मान जीते।

देखने के बाद भी नहीं भूल पाएंगे बॉलीवुड कि ये 4 फिल्में, जो लोगो के दिलो में आज भी ज़िंदा है - Gallery Image
5/7

मक़बूल (2003)

मक़बूल शेक्सपियर की मैकबेथ पर आधारित है और मुंबई के अंडरवर्ल्ड में सेट है। इरफान खान ने मक़बूल का किरदार निभाया। पंकज कपूर, नसीरुद्दीन शाह, ओम पुरी और टैबू जैसे कलाकारों ने फिल्म को बेहतरीन बनाया। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर मध्यम सफलता पाई, लेकिन अब इसे मास्टरपीस माना जाता है।

देखने के बाद भी नहीं भूल पाएंगे बॉलीवुड कि ये 4 फिल्में, जो लोगो के दिलो में आज भी ज़िंदा है - Gallery Image
6/7

सेहर (2005)

सेहर गोरखपुर के गैंगस्टर श्रीप्रकाश शुक्ला की कहानी पर आधारित है। अरशद वारसी, पंकज कपूर और महिमा चौधरी ने प्रमुख भूमिका निभाई। फिल्म की सच्चाई और यथार्थवाद ने इसे उत्तर भारत में विशेष लोकप्रियता दिलाई। यह फिल्म अब भी अपने प्रभाव और ताजगी को बनाए हुए है।

देखने के बाद भी नहीं भूल पाएंगे बॉलीवुड कि ये 4 फिल्में, जो लोगो के दिलो में आज भी ज़िंदा है - Gallery Image
7/7

इन फिल्मों का महत्व

ये चार फिल्में, भले ही अपनी रिलीज़ के समय ज्यादा ध्यान न पाईं, आज भी भारतीय सिनेमा में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। इनकी सफलता बॉक्स ऑफिस की रकम में नहीं, बल्कि सम्मान, प्रासंगिकता और फिल्म इतिहास में स्थायी स्थान में निहित है।

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?