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मुगल हरम के वो अंधेरे राज़… जिनके बारे में किताबों में भी नहीं बताया गया

मुग़ल हरम कहता है कि हिस्ट्री सिर्फ युद्ध की कहानी नहीं है यहां पर कुछ ऐसी कहानी भी होती है जो दीवारों के पीछे दबकर रह जाती हैं. हरम बाहर से जितना रौशन था, अंदर से उतना ही अंधकारमय भी था.

Written By: Anuradha Kashyap
Last Updated: September 24, 2025 07:30:16 IST

इतिहास की किताबों में अक्सर मुगल साम्राज्य की जीत उसके वास्तु कला और शानो शौकत की बात की जाती है लेकिन उस समय की असली कहानी महलों की ऊंची दीवारों के पीछे छुपी होती थी.  इन दीवारों के अंदर सबसे रहस्यमई जगह थी हरम बाहर से  ये जगह बहुत ही सुनहरी दुनिया जैसी जहाँ सुंदर बेगमें, रखैलें और दासियाँ रहती थीं लेकिन अगर इसकी असलियत की बात करें तो यह एक सुनहरी जेल से काम नहीं थी. 

ऐश्वर्य की चमक और कैद का सच

हरम को अक्सर विलासिता की जगह माना जाता था जहां पर महिलाओं को बहुत सुंदर-सुंदर रेशमी कपड़े महंगे आभूषण और तरह-तरह की सुविधा मिलती थी इसके पीछे का सच यह था कि वो लोग अपनी मर्जी से कहीं आ जाना नहीं सकती है. बाहर की दुनिया उनके लिए बिल्कुल बंद है उनका हर एक दिन बादशाह के ऑर्डर्स की राजनीति पर निर्भर करता था बस यही वजह थी कि जो बाहर से रानी जैसी जिंदगी दिखती है वह असल में जंजीरो से बंधी हुई हुआ करती थी. 

हराम बना राजनीतिक और साजिशों का मैदान

हरम केवल सुंदर महिलाओं का ठिकाना ही नहीं है बल्कि सत्ता और राजनीति का एक बहुत बड़ा केंद्र हुआ करता था.  यहां बेगम एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में लगी रहती थी.  मुकाबले सिर्फ सुंदरता तक कि नहीं बल्कि यह भी था की बादशाह के करीब कौन है और किसका बेटा आगे चलकर तख़्त पर बैठेगा इसी का असली खेल हुआ करता था महल की दीवारों के भीतर जलन बदला और सजी से  पलती रहती थी. 

रहस्य और सुरक्षा की थी सख्त व्यवस्था 

हरम को लेकर सबसे बड़ी और दिलचस्प बात यह होती थी कि उनकी सुरक्षा काफी सख्त हुआ करती थी.  यहां पर कोई भी बाहर का पुरुष प्रवेश नहीं कर सकता था और इसकी देखरेख ट्रांसजेंडर और खास महिलाएं किया करती थी.  हर कमरे और गलियारे पर नजर  जाती थी.  बाहर की दुनिया को यह पता भी नहीं था कि अंदर महिला रो रही है या फिर हंस रही है. 

हुनर, कला और असर की छिपी दुनिया

अगर सिर्फ ऐसा बोलै जाए की हरम में महिलाएं कैद ही थी तो ये आधा सच हैं क्यूंकि यहाँ की महिलाओं में काफी हुनर था कुछ कविता लिखती थी, कुछ पेंटिंग किया करती थी.  हिस्ट्री को देखा जाएं तो नूरजहां इसका एक अच्छा एक्साम्प्ल हैं 

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