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नवरात्रि पर पाना चाहते हैं मां दुर्गा का आशीर्वाद और सकारात्मक ऊर्जा, अपनाएं ये आसान वास्तु टिप्स

Navratri Vastu Tips: नवरात्रि के 9  दिनोंं तक घर में सकारात्मक ऊर्जा के लिए हमें घर में कौन-कौन से वास्तु शास्त्र अपनाने चाहिए हम ये आपको बताएंगे.

Written By: shristi S
Last Updated: September 24, 2025 11:30:21 IST

Vastu Tips For Navratri: नवरात्रि (Navratri) के 9 दिन मां दुर्गा (Goddess Durga) को समर्पित होते है, मान्यता के अनुसार इन 9 दिनों में मां दुर्गा अपने 9 स्वरुपों के साथ पृथ्वी पर रहती है, इसलिए यह पर्व केवल उपवास और आराधना का प्रतिक हीं नहीं बल्कि यह समय जीवन में शुद्धता, ऊर्जा और आध्यात्मिक उत्थान का प्रतीक भी माना जाता है. इन 9 दिनों में भक्त पूजा-पाठ के साथ- साथ घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाने के लिे वास्तु शास्त्र का विशेण नियम भी अपनाते हैं. इस साल शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर 2025 से शुरु हो चुका हैं जो कि 2 अक्तूबर 2025 तक रहेगी. आइए ऐसे में हम जानेगें की इस पावन अवसर पर घर में सकारात्मक ऊर्जा पाने के लिए हमें कौन से वास्तु उपाय घर में अपनाने चाहिए. 

1. नवरात्रि से पहले घर की पूरी सफाई

नवरात्रि देवी शक्ति के स्वागत का पर्व है, इसलिए इसकी शुरुआत घर की सफाई से करना अत्यंत शुभ माना जाता है. विशेष ध्यान घर के उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) पर दें, क्योंकि यह स्थान सकारात्मक ऊर्जा का मुख्य द्वार होता है. इस हिस्से को हमेशा साफ और अव्यवस्था-रहित रखें. पुराने, टूटे-फूटे सामान, खंडित मूर्तियां या बेकार इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं घर से बाहर निकाल दें. इससे घर में शुद्ध वातावरण और नई ऊर्जा का संचार होता है.

2. कलश स्थापना का महत्व

नवरात्रि में कलश स्थापना का अपना ही महत्व हैं, इसे शुभता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, कलश को उत्तर-पूर्व दिशा में ही स्थापित करना चाहिए. एक साफ चौकी पर लाल या पीले वस्त्र बिछाकर कलश रखें और उसमें पानी, सुपारी, सिक्का, हल्दी और अक्षत डालें. कलश के ऊपर आम के पत्ते और नारियल स्थापित करें. यह विधि घर में सुख-समृद्धि और देवी कृपा को आमंत्रित करती है.

3. पूजा कक्ष की दिशा

यदि आपके घर में अलग पूजा कक्ष है, तो ध्यान रखें कि यह हमेशा ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में होना चाहिए. देवी-देवताओं की मूर्तियों का मुख पूर्व की ओर रखें और पूजा करते समय स्वयं पश्चिम दिशा की ओर मुख करके बैठें. ऐसा करने से ध्यान एकाग्र होता है और घर में आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है. पूजा स्थान को रोजाना साफ रखें और वहां गंदगी या अव्यवस्था न होने दें.

4. दीपक का महत्व

नवरात्रि में रोजाना घी का दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना गया है. दीपक आप घर के ईशान कोण या अग्नि कोण (दक्षिण-पूर्व दिशा) में जला सकते हैं. यह न केवल नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है, बल्कि वातावरण में शुद्धता और पवित्रता भी बनाए रखता है. लगातार नौ दिनों तक दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और देवी मां की कृपा प्राप्त होती है.

5. मुख्य द्वार की सजावट

वास्तु शास्त्र में घर का मुख्य द्वार सबसे ऊर्जावान स्थान माना गया है. नवरात्रि में इसे विशेष रूप से सजाना चाहिए. दरवाजे पर आम के पत्तों और गेंदे के फूलों से बनी तोरण लगाएं। मुख्य द्वार पर स्वास्तिक, ॐ या श्री यंत्र का चिन्ह बनाना अत्यंत शुभ फलदायी होता है. साथ ही दीपक और रोशनी से प्रवेश द्वार को आलोकित करें. ऐसा करने से देवी दुर्गा का स्वागत पूर्ण श्रद्धा और भक्ति से होता है, और घर में सुख-समृद्धि व सौभाग्य का वास होता है.

 Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है. पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें. India News इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है.

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