Ladakh protest: बुधवार (24 सितंबर) को लेह, लद्दाख में लेह एपेक्स बॉडी द्वारा आहूत बंद के दौरान कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़पें हुईं. हिंसक झड़पों में चार लोगों की मौत हो गई और लगभग 30 घायल हो गए. लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची के विस्तार की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों ने हिंसा का सहारा लिया. प्रदर्शनकारियों ने भाजपा कार्यालय में भी आग लगा दी और कई वाहनों पर हमला किया. स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को गोलीबारी करनी पड़ी। प्रदर्शनकारियों का दावा है कि पुलिस की गोलीबारी में चार लोग मारे गए.
Ladakh Protest: लद्दाख में हिंसक विरोध प्रदर्शन, पुलिस से झड़प, भाजपा कार्यालय में लगाई गई आग
सोनम वांगचुक ने जताया दुःख
जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने बुधवार को लेह में हुई हिंसा पर दुःख व्यक्त किया. उन्होंने हिंसा के लिए जेनरेशन जेड युवाओं में बढ़ती हताशा को जिम्मेदार ठहराया. वांगचुक ने कहा कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों के परिणाम न मिलने से युवाओं में हताशा बढ़ रही है। आंदोलन के हिंसक होने के बाद वांगचुक ने अपनी 15 दिनों की भूख हड़ताल भी वापस ले ली. घटना का विवरण देते हुए उन्होंने कहा कि बुधवार को बड़ी संख्या में Gen-Z युवा धरना स्थल पर मौजूद थे. उन्होंने कहा कि इसके बाद दो से पांच हजार युवा सड़कों पर उतर आए.
लद्दाख में विरोध प्रदर्शन शुरू
लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची के विस्तार की मांग को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है. बुधवार को इस विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया. बढ़ती हिंसा को देखते हुए प्रशासन ने लद्दाख के लेह ज़िले में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है। इसके तहत पाँच या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध है.
हिंसा के लिए ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी – उपराज्यपाल
लद्दाख हिंसा के संबंध में उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने कहा कि यह हिंसा शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने की एक साज़िश थी. उन्होंने कहा कि हिंसा के लिए ज़िम्मेदार लोगों की पहचान की जाएगी और उनके ख़िलाफ़ क़ानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने यह भी कहा कि जान-माल के और नुकसान को रोकने के लिए हिंसा प्रभावित लद्दाख के लेह ज़िले में कर्फ्यू लगा दिया गया है.
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