Live
Search
Home > देश > बिहारियों हो जाओ सावधान! अगर नहीं किया ये काम, तो नहीं डाल सकेंगे वोट

बिहारियों हो जाओ सावधान! अगर नहीं किया ये काम, तो नहीं डाल सकेंगे वोट

Aadhaar Linked Voter ID: बिहार चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने एक बड़ा फैसला लिया है. दरअसल, चुनाव आयोग ने ऑनलाइन मतदाता सूची सेवाओं के लिए आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर अनिवार्य कर दिया है. जानिए ये फैसला क्यों लिया गया है.

Written By: Heena Khan
Last Updated: September 25, 2025 10:12:19 IST

Voter ID News: बिहार चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने एक बड़ा फैसला लिया है. अब ऑनलाइन मतदाता सूची से जुड़ी सभी सेवाओं के लिए आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर अनिवार्य कर दिया है. जिसका सीधा-सीधा मतलब है कि अगर कोई मतदाता नाम जुड़वाना, हटवाना या बदलना चाहता है, तो उसे अपना आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर देना होगा. आयोग के अधिकारी ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि करीब एक महीने पहले ही यह फैसला लिया गया था और आईटी विभाग इसे लागू करने की तैयारी कर रहा था. अब यह सिस्टम पूरी तरह शुरू हो चुका है. इस कदम के बाद बिना आधार से जुड़े मोबाइल नंबर के कोई आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा.

जानिए क्यों लिया गया फैसला 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब बिहार चुनाव नजदीक हैं और सबसे बड़ी वजह ये है कि कर्नाटक में बड़े पैमाने पर मतदाताओं के नाम हटाए जाने को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सीधा सीधा आरोप लगाया कि कर्नाटक में व्यवस्थित तरीके से मतदाताओं के नाम हटाए जा रहे हैं और इसके पीछे कोई तीसरी ताकत है. इतना ही नहीं इस दौरान उन्होंने दावा किया कि अलंद विधानसभा क्षेत्र से 6,018 मतदाताओं के नाम हटाए गए. उन्होंने चुनाव आयोग पर वोट चोरी का आरोप लगाया. राहुल ने कहा कि यह कोई साधारण गलती नहीं, बल्कि एक सुनियोजित साज़िश है और जल्द ही और बड़े खुलासे होंगे.

चुनाव आयोग ने दी सफाई 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी. अंबुकुमार ने राहुल गांधी के आरोपों को खारिज कर दिया. इस दौरान उन्होंने जानकारी दी कि दिसंबर 2022 में, अलंद विधानसभा क्षेत्र से 6,018 मतदाताओं के नाम हटाने के लिए ऑनलाइन फॉर्म-7 आवेदन प्राप्त हुए थे. संख्या की अधिकता को देखते हुए, जाँच की गई. इस दौरान सिर्फ 24 आवेदन सही पाए गए, जबकि 5,994 आवेदन गलत पाए गए और उन्हें अस्वीकार कर दिया गया. इसका मतलब है कि बड़े पैमाने पर मतदाताओं के नाम नहीं काटे गए. इस धोखाधड़ी की जांच के लिए एक प्राथमिकी भी दर्ज की गई.

MORE NEWS

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?