Delhi-NCR Weather: दिल्ली-एनसीआर से मानसून लगभग अब विदा ले चुका है. हवाओं की भी रफ्तार धीमी हो गई है. मौसम विभाग के अनुसार, राजधानी समेत पूरे एनसीआर में लगभग 15 KM की रफ्तार से हवाएं चल रही है. ये तो बात रही दिल्ली-एनसीआर से मौसम की विदाई लेने का. लेकिन दिल्लीवासियों को ये नहीं पता कि उनके ऊपर बड़ी आफत आने वाली है.
ऐसा इसलिए क्योंकि अब दशहरे और दिवाली का त्योहार बेहद ही नजदीक है. ऐसे में दशहरे के दिन रावण का पुतला दहन किया जाएगा. साथ ही दिल्ली-एनसीआर से सटे राज्यों हरियाणा -पंजाब में पराई भी जलाई जाएगी. उसके बाद दिवाली के दिन फूटने वाले पटाखों से समूचे दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ने का खतरा मंडराने लगा है. जिसका सीधा असर दिल्ली-एनसीआर के 4 करोड़ लोगों पर पड़ेगा.
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दिल्ली में मानसून की समय से पहले विदाई
इस साल दिल्ली में दो दिन देर से आया मानसून अब समय से एक दिन पहले वापस लौट गया है. जबकि मानसून की आधिकारिक वापसी की तारीख 25 सितंबर है, मौसम विभाग ने बुधवार को एक दिन पहले ही इसकी घोषणा कर दी. इस साल मानसून 27 जून के बजाय 29 जून को दिल्ली पहुंचा था.
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 2002 में 20 सितंबर को मानसून आखिरी बार दिल्ली से वापस लौटा था. 2024 में यह 2 अक्टूबर को वापस लौटा। समय से पहले वापसी के बावजूद, इस साल दिल्ली में अच्छी बारिश हुई.
इस साल दिल्ली में बारिश के आंकड़े
इस मानसून के दौरान दिल्ली में सामान्य से 41 प्रतिशत अधिक बारिश हुई.सफदरजंग वेधशाला ने जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर – सभी चार मानसून महीनों में औसत से अधिक बारिश दर्ज की, जो एक दुर्लभ घटना है. इस साल दिल्ली में कुल 902.6 मिमी बारिश हुई, जबकि मौसमी औसत 640.4 मिमी है.
पिछले साल दिल्ली में 1029.9 मिमी बारिश हुई थी, जो अब तक की सातवीं सबसे अधिक बारिश थी. 2010 के बाद से दिल्ली में चार बार चार अंकों में बारिश दर्ज की गई है. इनमें से 2021 सबसे अधिक बारिश वाला साल था, जब 1176.4 मिमी बारिश हुई थी. सबसे कम बारिश 2014 में 307.8 मिमी दर्ज की गई थी.
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