कैसे बनी सुरेखा यादव एशिया की पहली लोकमोटिव पायलट?
समय के साथ, सुरेखा यादव ने अनुभव और कौशल के बल पर अपने करियर में उल्लेखनीय प्रगति की. 2023 में उन्होंने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की वह सोलापुर से शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) तक वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने वाली पहली महिला लोको पायलट बनीं. इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई. उनकी सेवाओं और उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें कई राज्य और राष्ट्रीय स्तर के सम्मान भी प्राप्त हुए. उनके योगदान और प्रेरणा को कई लोगों ने सराहा, जिनमें उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने भी उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से बधाई दी.
मध्य रेलवे ने सोशल मीडिया पर किया पोस्ट
Smt. Surekha Yadav, Asia’s First Woman Train Driver, will retire on 30th September after 36 glorious years of service
A true trailblazer, she broke barriers, inspired countless women, and proved that no dream is beyond reach.
Her journey will forever remain a symbol of women… pic.twitter.com/5zDOzvkAD4
— Central Railway (@Central_Railway) September 18, 2025
सुरेखा यादव का करियर न केवल भारतीय रेलवे में महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बनकर उभरा, बल्कि यह भी दिखाया कि धैर्य, मेहनत और समर्पण के साथ कोई भी बाधा पार की जा सकती है. उनकी यात्रा आने वाले समय में कई युवाओं और विशेषकर महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी.