भारत का इतिहास मुगलों के बिना अधूरा है मुगल शासको ने न केवल देश की राजनीति और शक्ति को बदल दिया था, बल्कि संस्कृति कला और वास्तुकला पर भी अपनी छाप छोड़ी है. इन शासको ने अपने समय में नई व्यवस्थाओं की शुरुआत की थी और जनता के जीवन को काफी हद तक प्रभावित किया था. उनकी नीति आयोग और प्रशासन आज भी इतिहासकारों के अध्ययन का टॉपिक बना हुआ है, मुगलों की कहानी सिर्फ शासन तक सीमित नहीं थी बल्कि उनके दरबार शाही जीवन और कलात्मक योगदान ने पूरे भारत के प्रभावित किया था. इन कुछ प्रमुख मुगल शासक ने इन सब में अपना योगदान दिया था.
बाबर
बाबर ने 1526 में पानीपत की लड़ाई जीत कर भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना की थी, उनकी वीरता और नेतृत्व कौशल ने उनके इतिहास में अमर बना दिया था. बाबर ने केवल युद्ध में ही नहीं बल्कि बाग बगीचों और शाही चीजों को स्थापित करने में भी रुचि दिखाई थी. उनका ‘बाबरनामा’ आज भी उनकी सोच और जीवन के नजरिया को दिखाता है. बाबर की सबसे बड़ी खासियत थी कि उन्होंने अपने छोटे से साम्राज्य को मजबूत आधार दिया.
अकबर
अकबर को भारत का सबसे महान मुगल शासक माना जाता है, उन्होंने केवल सैन्य और राजनीतिक शक्ति ही नहीं बल्कि बधाई प्रशासन कल और धर्म में भी एक इंपॉर्टेंट रोल निभाया है. उनकी ‘दीवान-ए-आम’ और ‘दीवान-ए-खास’ आज भी मुगल वास्तुकला की मिसाल बनी हुई है. अधार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा दिया और दीन-ए-इलाही जैसी नई सोच पेश की.
शाहजहां
शाहजहां को मुगल वास्तुकला और प्रेम का सम्राट माना जाता है, उन्होंने अपने शासन में ताजमहल जैसी धरोहर बनाई। शाहजहां ने कला,स्थापत्य और शहरों के निर्माण पर खास योगदान दिया था. उनके शासनकाल में मुगल साम्राज्य आर्थिक और सांस्कृतिक तौर पर काफी ज्यादा समृद्ध रहा है, उनके जीवन में राजनीतिक संघर्ष भी रहे लेकिन उनकी छवि भारतीय संस्कृति और प्रेम के मिसाल में आज भी जिंदा है.
औरंगजेब
औरंगजेब ने मुगल साम्राज्य को सबसे बड़े भूभाग तक फैलाया है, उनका शासन सैन्य और प्रशासनिक तरीकों से मजबूत था. उन्होंने कई धर्मनिरपेक्ष नीतियों का पालन किया और न्याय प्रणाली को और भी मजबूत किया हालांकि उनका शासन काफी विवादों में भी रहा क्योंकि उन्होंने कुछ धार्मिक प्रतिबंध और कर लागू किए थे. औरंगजेब का शासन काल मुगलों के विस्तार और उनकी शक्ति का प्रतीक भरा माना जाता है.