Health Tips: भारत के हर किचन में कई ऐसे मसाले होते हैं जो हमारी सेहत को काफी फायदा पहुंचाते हैं लेकिन इस बारे में हमें कोई जानकारी नहीं होती है. ये ऐसे खजाने होते हैं जो सदियों से औषधीय रूप से उपयोग किया जाता रहा है. जब बुजुर्ग इनका सेवन करते थे तो उन्हें किसी डॉक्टर और किसी हकीम की जरूरत नहीं होती थी. वहीं आयुर्वेद में इन मसालों का सदियों से औषधीय रूप से इस्तेमाल किया जा रहा है और कई बीमारियों का इलाज भी होता है. इसी तरह, आपकी रसोई में एक और मसाला है जो हर एक बीमारी का इलाज है. चलिए जान लेते हैं कि ऐसा कौन सा मसाला है जो सेहत को हजारों लाभ देता है.
कलौंजी है जादुई बीज
जी हां कुछ और नहीं बल्कि कलौंजी ही हमारी हर बीमारी का इलाज है. जिसे मंगरेला भी कहते हैं, ये काले बीज हमारे शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद हैं. कलौंजी के एंटीऑक्सीडेंट और जीवाणुरोधी गुण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं. नियमित सेवन से शरीर कई बीमारियों से लड़ता है और मौसमी संक्रमणों को फैलने से रोकता है.
दिल की बीमारी को करता है दूर
कलौंजी रक्तचाप को नियंत्रित करने और खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करती हैं. यही कारण है कि इन्हें हृदय रोग से बचाव में विशेष रूप से प्रभावी माना जाता है. अगर आप वजन कम करना चाहते हैं, तो आप अपने आहार में कलौंजी को शामिल कर सकते हैं. यह आपके मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है, जिससे फैट तेजी से बर्न होता है और आपका शरीर सुडौल बना रहता है.
सुगर लेवल को कंट्रोल करेगा
शोध बताते हैं कि कलौंजी रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर रखने में मदद करती हैं. टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए इनका सेवन बहुत फायदेमंद हो सकता है. कलौंजी अपच, गैस और पेट दर्द जैसी समस्याओं से भी राहत दिलाती हैं. यह हमारी आंतों को मजबूत बनाती है और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखती है.
हजारों फायदे से भरपूर है कलौंजी
कलौंजी का तेल लगाने से बालों का झड़ना कम होता है और रूसी से राहत मिलती है. त्वचा पर इसका इस्तेमाल करने से मुंहासे और पिगमेंटेशन कम हो सकते हैं. कलौंजी के सूजन-रोधी गुण खांसी, कफ और गले की खराश से भी राहत दिलाते हैं. शहद के साथ इसका सेवन ज़्यादा असरदार माना जाता है. इसके अलावा, कलौंजी के बीज मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए भी बेहतरीन माने जाते हैं. ये याददाश्त और एकाग्रता में सुधार करते हैं. महिलाओं के लिए, ये हार्मोनल संतुलन और थायराइड की समस्याओं में भी मददगार हैं. कलौंजी के बीजों को हल्का भूनकर पाउडर के रूप में भी सेवन किया जा सकता है.