Bihar Chunav 2025: बिहार में महागठबंधन (इंडिया गठबंधन) में नए दलों के शामिल होने से राजद और कांग्रेस को सीटों का त्याग करना पड़ रहा है. 2020 के चुनाव की तुलना में राजद फिलहाल 14 और कांग्रेस 12 सीटें कम लेने पर सहमत हुई है. ये 26 सीटें सहयोगी दलों को मिलेंगी. विकासशील इंसान पार्टी (VIP), लोजपा (पारस गुट) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) नए गठबंधन सहयोगी है. वीआईपी को 26 में से अधिकतम 14 सीटें देने की योजना है. भाकपा माले को पिछली बार से 8 अधिक सीटें अधिक यानी 27 सीटें मिल सकती है. झारखंड मुक्ति मोर्चा और पशुपति पारस की लोजपा को 2-2 सीटें मिल सकती है. सीट एडजस्टमेंट में फिलहाल यही तस्वीर बन रही है.
मुकेश सहनी की मांग 60 सीट
मुकेश सहनी ने अपने जीवन में एक भी चुनाव नहीं जीता है. फिर भी बिहार की राजनीति में अहमियत हासिल की है. ये जातिगत राजनीति के गणित के कारण है. मुकेश सहनी का दावा है कि 2023 की जाति जनगणना के अनुसार, बिहार में निषाद समुदाय की सभी उपजातियों की संयुक्त जनसंख्या 9.64% है. इसी जनसंख्या के आधार पर वे राजनीति में ज्यादा हिस्सेदारी की मांग करते रहे है. यही कारण है कि उन्होंने 2025 के बिहार चुनाव में 60 सीटें और उप-मुख्यमंत्री पद की मांग की है. वे दो सीटों पर समझौता करने को तैयार हैं, लेकिन किसी भी हालत में उप-मुख्यमंत्री पद पर समझौता नहीं करेंगे.
क्या डिप्टी सीएम पद तय?
इंडिया गठबंधन में मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर जहां इतनी खींचतान चल रही है. सहनी ने खुद को भावी डिप्टी सीएम के रूप में पेश कर दिया है. हालांकि इंडिया गठबंधन में उनके समायोजन की जो स्थिति बन रही है, वह 14 सीटों से अधिक नहीं पहुंच रही ऐसे में वह क्या करेंगे? 2020 में तेजस्वी यादव के साथ उनका विवाद इसलिए हुआ था क्योंकि वे ज़्यादा सीटों की मांग कर रहे थे. जिस दिन सीट बंटवारे की घोषणा के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस हो रही थी, उसी दिन मुकेश सहनी बैठक से बाहर निकल गए थे.