हार्मोनल इश्यू जो महिलाएं करती हैं नजरअंदाज! अभी जान लें कारण और समाधान वरना होगा नुकसान
PCOS Awareness: आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में महिलाएं काम, परिवार और जिम्मेदारियों के बीच अक्सर अपने स्वास्थ्य को पीछे छोड़ देती हैं. लेकिन जब बाल झड़ने लगें, नींद न आए या वजन अचानक बढ़ जाए तो इसे सिर्फ थकान या कॉस्मेटिक समस्या समझकर नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए. ये लक्षण आपके शरीर के अंदर हो रही गंभीर हार्मोनल गड़बड़ी का संकेत हो सकते हैं, जिसे मेडिकल भाषा में PCOS (Polycystic Ovary Syndrome) कहा जाता है.
हर 10 में से 1 महिला PCOS से प्रभावित
PCOS आज दुनिया की हर 10 में से 1 महिला को प्रभावित कर रहा है, यह समस्या इतनी आम है कि कई महिलाएं सालों तक इसके लक्षणों को पहचान ही नहीं पातीं. डॉक्टरों के अनुसार, PCOS एक हार्मोनल असंतुलन है जो महिला की ओवरी (अंडाशय) के सामान्य कार्य में बाधा डालता है. इसमें शरीर में पुरुष हार्मोन एंड्रोजन की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे कई फिजिकल और इमोशनल बदलाव देखने को मिलते हैं.
क्या होता है PCOS?
PCOS में अंडाशय में छोटे-छोटे सिस्ट (थैलियां) बनने लगती हैं, जिससे ओवुलेशन प्रक्रिया प्रभावित होती है. इसका मतलब है कि महिला के शरीर में एग्स (अंडे) ठीक से रिलीज नहीं हो पाते, जिससे मासिक धर्म में अनियमितता और प्रजनन संबंधी समस्याएं होती हैं.
हल्के में न ले PCOS
PCOS को हल्के में लेना आपकी सबसे बड़ी गलती हो सकती है. यह केवल प्रजनन या हार्मोनल समस्या नहीं है, बल्कि यह आपके संपूर्ण शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है. समय पर पहचान, सही उपचार और जीवनशैली में छोटे बदलाव आपको एक स्वस्थ और संतुलित जीवन जीने में मदद कर सकते हैं.
क्या हैं वैज्ञानिकों का मानना?
वैज्ञानिकों का मानना है कि इसके पीछे इंसुलिन रेसिस्टेंस, हार्मोनल असंतुलन, और तनाव प्रमुख कारण हैं. हालांकि यह पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता, लेकिन जीवनशैली में बदलाव से इसके लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है.
PCOS के प्रमुख लक्षण
पीरियड्स का अनियमित होना – कभी जल्दी, कभी देर से या कई महीनों तक पीरियड्स न आना.
चेहरे और शरीर पर अनचाहे बाल – ठोड़ी, सीने या पेट पर बाल आना, जो एंड्रोजन हार्मोन के बढ़ने का संकेत है.
बाल झड़ना या पतले होना – स्कैल्प पर बालों का झड़ना या गंजापन तक हो जाना.
वजन तेजी से बढ़ना – खासकर पेट और कमर के आस-पास चर्बी जमा होना.
पिंपल्स और ऑइली स्किन – चेहरे पर बार-बार एक्ने निकलना.
गर्दन या बगल में काली मोटी त्वचा (Acanthosis Nigricans).
नींद की समस्या – रात में नींद टूटना या स्लीप एपनिया जैसी परेशानी.
मूड स्विंग्स, डिप्रेशन और चिंता – मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ना.
मानसिक स्वास्थ्य पर PCOS का असर
PCOS सिर्फ हार्मोन की बीमारी नहीं है, यह मानसिक रूप से भी महिलाओं को प्रभावित करती है। लगातार वजन बढ़ना, बाल झड़ना या चेहरे पर अनचाहे बाल आने से आत्मविश्वास कम होता है। कई महिलाएं सामाजिक रूप से खुद को अलग-थलग महसूस करने लगती हैं। यह स्थिति डिप्रेशन और एंग्जायटी जैसी समस्याओं को जन्म देती है।
क्या है PCOS का इलाज?
PCOS का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को कंट्रोल में रखा जा सकता है. डॉक्टरों की सलाह के अनुसार हेल्दी और बैलेंस्ड डाइट लें (कम शुगर और जंक फूड से परहेज़), रोज़ाना कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करें. स्ट्रेस कम करने के लिए मेडिटेशन और योग अपनाएं. ज़रूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह से हार्मोन बैलेंसिंग दवाएं या इंसुलिन कंट्रोल मेडिसिन लें. साल में एक बार हेल्थ चेकअप और हार्मोन प्रोफाइल ज़रूर करवाएं.