Pahalgam Attack: पहलगाम हमले के बाद से पूरे देश में आज भी गम का माहौल है. वहीं भारतीय सेना भी पूरी तरह से आतंकवादियों को मिटाने के लिए हर नामुमकिन कोशिश करने का प्रयास करती है. वहीं जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में शामिल आतंकवादियों के बारे में कई बड़े खुलासे हो रहे हैं. पहलगाम हमले में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किए गए 26 साल के मोहम्मद यूसुफ कटारी ने हमले के बारे में कई बड़े खुलासे किए हैं. वहीं रविवार 5 अक्टूबर को मीडिया से बात करते हुए, अधिकारियों ने इस बात का खुलासा किया है कि कटारी ने हमले से पहले तीन आतंकवादियों, सुलेमान उर्फ आसिफ, जिबरान और हमजा अफगानी से चार बार मुलाकात की थी. इन मुलाकातों के दौरान, कटारी ने उन्हें एंड्रॉइड मोबाइल फोन चार्जर सहित कई ज़रूरी सामान भी मुहैया कराया था.
आतंकवादियों को बताया यहां भागने का रास्ता
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह मोबाइल फ़ोन चार्जर कटारी की गिरफ़्तारी का एक अहम सबूत है. वहीं दक्षिण कश्मीर के कुलगाम ज़िले के निवासी यूसुफ़ कटारी ने कथित तौर पर जांच दल को इस बात की जानकारी दी है कि वो श्रीनगर के बाहर ज़बरवान पहाड़ियों में हमलावरों से मिला था. इतना ही नहीं कटारी ने आतंकवादियों को पहाड़ियों से आसानी से भागने का रास्ता भी दिया था. हमले के बाद हफ़्तों तक चली जांच के बाद कटारी की गिरफ़्तारी हुई. कटारी के पास से बरामद चीज़ों में जुलाई में ऑपरेशन महादेव के दौरान बरामद की गई चीज़ों का फ़ोरेंसिक विश्लेषण भी शामिल था, जिसमें सुरक्षा बलों ने पहलगाम नरसंहार से जुड़े तीन आतंकवादियों को मार गिराया था.
एक टूटे हुए चार्जर ने खोली पूरी किताब
सुरक्षा एजेंसियों ने एक आंशिक रूप से नष्ट हुए फ़ोन चार्जर का कटारी से संबंध होने का पता लगाया, जिससे हमलावरों से उसके संबंधों की पुष्टि हुई. अधिकारियों ने संकेत दिया कि कटारी से पूछताछ से कश्मीर घाटी में आतंकवादी समर्थन नेटवर्क से उसके और संबंधों का पता चल सकता है. यह मामला राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) को सौंपा जा सकता है, जो पहले से ही पहलगाम हमले के पीछे की व्यापक साजिश की जाँच कर रही है. एनआईए ने अब तक 22 अप्रैल के आतंकवादी हमले से जुड़े दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन पर आतंकवादियों को आवश्यक आपूर्ति और आवास उपलब्ध कराने का आरोप है.