Rajinikanth News: सुपरस्टार राजनीकांत हमेशा से ही अपने अभिनय कपड़ों और स्टाइल के कारण चर्चा में रहते हैं. सुपरस्टार ने अपने अनदाज़ से एक बार फिर लोगों का दिल जीत लिया है, हाल ही में उनकी कुछ तस्वीर वायरल हो रही है जिसमे वो हिमालय की यात्रा पर निकले हुए हैं और वहां एक आम इंसान की तरह पत्तल पर खाना खा रहे हैं यह एक आम बात इसलिए नहीं है क्योंकि ये एक ऐसे अभिनेता हैं जिसने, हाल ही में अपनी फिल्म से कुल 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की है.
रजनीकांत का पत्तल पर खाना
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुपरस्टार रजनीकांत शनिवार को ऋषिकेश में मौजूद स्वामी दयानंद आश्रम पहुंचे थे.वहां उन्होंने गंगा आरती में हिस्सा लिया. उन्होंने कपड़े भी स्वेत (सफेद) रंग के पहने हैं जो की शांति का प्रतीक है एक तस्वीर में रजनीकांत किसी आम इंसान की तरह सड़क किनारे खड़े होकर एक दीवार पर पत्तल रखकर पूड़ी सब्जी खाते दिखाई दिए. उनकी अन्य तस्वीरें भी वायरल हो रही है जिसमे वो अपने करीबी लोगों के साथ बैठकर बातें करते दिख रहें हैं.
जमीनी जुड़ाव
आजकल जब लोग छोटी-छोटी चीजों में स्टेटस ढूंढते हैं. तब एक ऐसा सुपरस्टार जो अरबों की संपत्ति का मालिक है, वो पत्तल पर बैठकर खाना खाता है यह अपने आप में एक बड़ी बात है रजनीकांत के चेहरे पर जो शांति और संतोष झलक रहा था. वो किसी 5 स्टार होटल के खाने में शायद ही मिले इन्होने हमें यह सोचने पर मजबूर किया कि असली खुशी शायद साधारण चीजों में ही छिपी होती है.
Superstar Rajinikanth has stepped away from his acting projects to undertake a spiritual journey in the Himalayas#simplicity #Rajnikanth #southindia pic.twitter.com/P85sz4dvrM
— Nature Explorer (@Patel45Nature) October 5, 2025
सफलता मतलब दिखावा नहीं
सुपरस्टार रजनीकांत ने आम लोगों को यह संदेश दिया है की व्यक्ति चाहे कितना भी अधिक धनी और मशहूर हो जाए लेकिन उसे अपनी मिटटी से हमेशा जुड़े रहना चाहिए. सफलता का मतलब दिखावा नहीं होता, बल्कि आत्मिक शांति होती है. कई लोगों ने इन तस्वीरों को देखकर कमेंट किया कि उन्हें राजनीकांत से प्रेरणा मिली है कि कैसे जमीन से जुड़े रहना चाहिए.राजनीकांत की यह हिमालय यात्रा हमें सिखाती है कि असली हीरो वही होता है जो सादगी से जी सके, सफलता के बाद भी विनम्र रह सके और भीतर की शांति को प्राथमिकता दे सके खासकर युवाओं के लिए यह एक सीख है कि जिंदगी में चाहे जितनी भी ऊंचाई मिल जाए, जड़ें कभी नहीं छोड़नी चाहिए.