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Dhanteras 2025: धनतेरस पर वाहन खरीदते समय इन बातों का रखें खास ध्यान

नया वाहन खरीदना हर किसी के लिए खुशी और गर्व का पल होता है, और अगर यह शुभ पर्व जैसे धनतेरस पर हो, तो यह आनंद कई गुना बढ़ जाता है. धनतेरस को समृद्धि और शुभारंभ का प्रतीक माना जाता है, इसलिए इस दिन नया वाहन खरीदना न केवल शुभ माना जाता है, बल्कि आने वाले समय में सफलता और सौभाग्य का संकेत भी देता है. आज के समय में वाहन हमारी जरूरत बन चुका है, जो हमें कम समय में मंजिल तक पहुंचाने में मदद करता है.

Written By: Pandit Shashishekhar Tripathi
Last Updated: October 6, 2025 16:29:44 IST

नया वाहन खरीदना हर किसी के लिए खुशी और गर्व का पल होता है, और अगर यह शुभ पर्व जैसे धनतेरस पर हो, तो यह आनंद कई गुना बढ़ जाता है. धनतेरस को समृद्धि और शुभारंभ का प्रतीक माना जाता है, इसलिए इस दिन नया वाहन खरीदना न केवल शुभ माना जाता है, बल्कि आने वाले समय में सफलता और सौभाग्य का संकेत भी देता है. आज के समय में वाहन हमारी जरूरत बन चुका है, जो हमें कम समय में मंजिल तक पहुंचाने में मदद करता है.

वाहन का अर्थ और महत्व

‘वाहन’ शब्द संस्कृत के ‘वहन’ से बना है, जिसका अर्थ है ‘ढोने वाला’ या ‘साथ लेकर चलने वाला’. साइकिल को छोड़ दें तो लगभग सभी वाहन मोटर चालित होते हैं — चाहे दोपहिया हों या चारपहिया. यह केवल यात्रा का साधन नहीं, बल्कि हमारी क्षमताओं का विस्तार है. पहले जहां मनुष्य एक स्थान से दूसरे स्थान तक पैदल चलता था, वहीं अब वाहन ने समय और दूरी दोनों को छोटा कर दिया है. यही कारण है कि वाहन आधुनिक जीवन का अनिवार्य हिस्सा बन गया है.

वाहन पूजन का धार्मिक महत्व

हिंदू धर्म में किसी भी नए कार्य की शुरुआत पूजा के साथ की जाती है. जिस प्रकार नए घर में प्रवेश से पहले गृह प्रवेश पूजन किया जाता है, उसी तरह नए वाहन को भी बिना पूजन के प्रयोग में नहीं लाया जाता. पूजन से न केवल वाहन की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है, बल्कि यह जीवन में मंगल और सुरक्षा का भी प्रतीक बनता है. सबसे पहले गणेश जी की पूजा की जाती है ताकि सभी बाधाएं दूर हों और कार्य शुभ फलदायी बने.

वाहन पूजन की विधि

वाहन पूजन मंदिर या घर — दोनों ही स्थानों पर किया जा सकता है.

  1. सबसे पहले आम या अशोक के पत्तों से वाहन पर जल का छिड़काव करें.

  2. फिर सिंदूर और घी मिलाकर अनामिका उंगली से वाहन पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं.

  3. वाहन पर फूलों की माला चढ़ाएं और बैक मिरर पर कलावा या रक्षा सूत्र बांधें.

  4. कपूर जलाकर आरती करें और कलश का जल वाहन के दोनों ओर छिड़कें.

  5. अंत में कपूर की राख से टीका लगाएं ताकि नजर न लगे.

  6. एक नारियल को वाहन के चारों ओर सात बार घुमाकर सामने फोड़ दें — यह सुरक्षा का प्रतीक है.

नेगेटिव एनर्जी से बचाव

वाहन को नकारात्मक ऊर्जा से बचाने के लिए उसके आगे एक-एक नींबू रखें ताकि वाहन के चलते ही वे फूट जाएं. इससे बुरी शक्तियां दूर रहती हैं. पूजन के बाद मंदिर जाकर भगवान को धन्यवाद देना न भूलें. वाहन की स्थायी सुरक्षा और सौभाग्य के लिए पीले धागे या कौड़ी को वाहन में बांध सकते हैं.

इस प्रकार श्रद्धा और सही विधि से किया गया वाहन पूजन न केवल यात्रा को सुरक्षित बनाता है, बल्कि जीवन में समृद्धि, सौभाग्य और मंगल का मार्ग भी प्रशस्त करता है.

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