CGHS Reform 2025: इस दिवाली सरकार की ओर से केंद्रीय कर्मचारी को एक नहीं बल्कि कई तोहफे मिले हैं. 8th pay Commission के अलावा केंद्र सरकार ने एक और राहत की खबर दें दी है. केंद्र सरकार ने 10 साल बाद, केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (CGHS) की दरों में बड़ा बदलाव किया है, जो 13 अक्टूबर से लागू होगा. इससे लगभग 46 लाख कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को राहत मिलेगी. नई दरें अब अस्पताल श्रेणी, शहर श्रेणी और वार्ड के प्रकार के आधार पर निर्धारित की जाएंगी. जिससे निजी अस्पतालों को भी अच्छा खासा लाभ होगा, ऐसा इसलिए क्योंकि दरों में औसतन 25-30% की वृद्धि की गई है. सरकार ने सभी अस्पतालों को नई दरें स्वीकार करने का निर्देश दिया है, अन्यथा उन्हें सूची से हटा दिया जाएगा. इस कदम से कैशलेस उपचार सुविधाओं में सुधार और अस्पतालों के राजस्व में वृद्धि होने की उम्मीद है.
जानिए क्यों किया गया बदलाव
कई सालों से, सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की शिकायत थी कि CGHS से संबद्ध अस्पताल कैशलेस इलाज देने से इनकार कर रहे हैं. शुरुआत में मरीज़ों को अपने इलाज का खर्च खुद उठाने के लिए मजबूर किया जाता था और फिर महीनों बाद उन्हें पैसे वापस मिलते थे. दूसरी ओर, निजी अस्पतालों का तर्क था कि पुरानी दरें बहुत कम थीं और मौजूदा चिकित्सा खर्चों के अनुरूप नहीं थीं. गौरतलब है कि CGHS दरों में आखिरी बड़ा बदलाव 2014 में हुआ था. तब से, केवल मामूली सुधार ही किए गए हैं, व्यापक संशोधन नहीं.
कर्मचारी संघों की थी मांग
इस साल अगस्त में, केंद्रीय सरकारी कर्मचारी संघों के राष्ट्रीय महासंघ ने सरकार को एक ज्ञापन सौंपा था, जिसमें कहा गया था कि कैशलेस भुगतान की सुविधा न होने से कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है. इसके बाद सरकार ने यह अहम फैसला लिया. स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी अस्पतालों को 13 अक्टूबर तक नई दरें स्वीकार करने का निर्देश दिया है. ऐसा न करने वाले अस्पतालों को डी-एम्पैनल्ड (सीजीएचएस सूची से हटाया जा सकता है) किया जा सकता है.