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Bihar Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान सोमवार को हो चुका है और इसी के साथ- साथ चुनाव का बिगुल बज चुका है. 2020 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन और NDA की लड़ाई बेहद कड़ी थी. अब 5 साल बाद, बिहार फिर से एक हाई- वोल्टेज चुनावी लड़ाई के लिए तैयार है और इस बार सभी की निगाहें तेजस्वी यादव पर टिक गई है. चुनाव के लिए तेजस्वी एक नया फॉर्मूला लेकर आए है, आइए जाने कि वह क्या है और इस चुनाव पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा.
क्या है तेजस्वी का MY BAAP फॉर्मूला?
तेजस्वी यादव अब अपने पिता लालू प्रसाद यादव की छाया से बाहर निकलकर खुद को स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं. 2025 के चुनाव में वे सिर्फ ‘लालू की विरासत’ या पुराने M-Y (Muslim-Yadav) समीकरण पर भरोसा नहीं कर रहे हैं. इस बार उनका नया नारा है ‘MY BAAP’, जिसमें शामिल हैं:
- M – मुस्लिम समुदाय
- Y – यादव
- B – बहुजन (SC/ST)
- A – अगड़ा (सवर्ण वर्ग)
- A – आधी आबादी यानी महिलाएं
- P – Poor (गरीब वर्ग)
यह फॉर्मूला तेजस्वी को एक बड़े सामाजिक गठबंधन की ओर ले जाता है और विभिन्न वर्गों को जोड़ने का प्रयास करता है.
युवाओं और रोजगार पर फोकस
तेजस्वी यादव अपनी युवा छवि और रोजगार पर जोर देकर बिहार के युवाओं को आकर्षित करने की रणनीति अपना रहे हैं. उनके घोषणापत्र में सरकारी नौकरियों में बढ़ोतरी, महिलाओं को हर महीने ₹2,500 की आर्थिक मदद, 200 यूनिट मुफ्त बिजली, पेंशन राशि 400 रुपये से बढ़ाकर 1,500 रुपये, डोमिसाइल नीति और युवा आयोग की स्थापना शामिल हैं. इन घोषणाओं ने इतना असर डाला कि NDA को भी अपने चुनावी घोषणापत्र में कई समान वादे शामिल करने पड़े. तेजस्वी इस पर अक्सर चुटकी लेते हुए कहते हैं कि सरकार मेरी कॉपी कर रही है, असली तेजस्वी आगे है, सरकार पीछे.
तेजस्वी के महागठबंधन का सीएम फेस होने का दावा
तेजस्वी यादव महागठबंधन का सीएम फेस होने का दावा कर रहे हैं। वोट अधिकार यात्रा के दौरान आरा में आयोजित एक रैली में उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ मंच साझा किया और जनता से पूछा कि डुप्लीकेट सीएम चाहिए या ओरिजिनल सीएम? इस बयान से साफ जाहिर होता है कि महागठबंधन इस बार सीएम फेस के बिना चुनाव नहीं लड़ना चाहता.
राजनीतिक विश्लेषक का कहना है कि तेजस्वी अब अपने पिता की M-Y राजनीति से आगे बढ़ चुके हैं. वे शिक्षा, रोजगार और युवाओं के मुद्दों पर बात कर रहे हैं. लालू पर अतीत का बोझ है, तेजस्वी पर नहीं.
NDA जहां अब भी लालू प्रसाद यादव को निशाना बनाता है, वहीं तेजस्वी पर सीधे हमला करने से बचता है. यह दर्शाता है कि तेजस्वी का नया राजनीतिक रूप और युवा-केंद्रित रणनीति बिहार के चुनावी माहौल में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.
NDA जहां अब भी लालू प्रसाद यादव को निशाना बनाता है, वहीं तेजस्वी पर सीधे हमला करने से बचता है. यह दर्शाता है कि तेजस्वी का नया राजनीतिक रूप और युवा-केंद्रित रणनीति बिहार के चुनावी माहौल में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.