करवा चौथ की तिथि और समय
पंचांग के अनुसार, चतुर्थी तिथि 9 अक्टूबर की रात 10:54 मिनट से शुरू होकर 10 अक्टूबर शाम 7:38 मिनट तक रहेगी. उदया तिथि 10 अक्टूबर को होने के कारण इसी दिन व्रत रखा जाएगा.
- पूजा का शुभ मुहूर्त: शाम 7:05 बजे से 8:55 बजे तक
- व्रत का समय: सुबह 6:19 बजे से रात 8:13 बजे तक
- चंद्रोदय का समय: रात 8:13 बजे
इस बार कृतिका नक्षत्र में चंद्रमा उदित होगा, जिससे करवा चौथ का व्रत अत्यंत फलदायी माना जा रहा है.
करवा चौथ पूजा विधि
पूजा की विधि इस प्रकार है:
1. सुबह जल्दी स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें और व्रत का संकल्प लें.
2. शाम के समय शुभ मुहूर्त में पूजा स्थान पर भगवान शिव-पार्वती और गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें.
3. करवा चौथ की कथा सुनें और दीपक जलाकर पूजा करें.
4. चंद्रोदय के समय जल का लोटा, रोली, अक्षत, दीपक और छलनी तैयार रखें.
5. चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित करें और प्रणाम करें.
6. छलनी से चंद्रमा और फिर पति का चेहरा देखकर उनकी दीर्घायु की कामना करें.
7. इसके बाद पति के हाथों से जल ग्रहण कर व्रत तोड़ें.
छलनी से पति का चेहरा देखने का महत्व
करवा चौथ पर छलनी से पति का चेहरा देखना सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि एक गहरी मान्यता से जुड़ा हुआ है. दरअसल, छलनी में हजारों छोटे-छोटे छिद्र होते हैं, जिससे चंद्रमा के कई प्रतिबिंब बनते हैं. मान्यता है कि जब महिला छलनी से चांद देखने के बाद अपने पति का चेहरा देखती है तो पति की आयु में वृद्धि होती है और दांपत्य जीवन में स्थिरता आती है.
कैसे करें छलनी से दर्शन
चंद्र दर्शन से पहले पूजा पूरी कर लें. उसके बाद दीपक को छलनी में रखकर सबसे पहले चंद्रमा को देखें. फिर छलनी से पति का चेहरा देखें और मन ही मन उनकी लंबी आयु की प्रार्थना करें. पति के हाथों से जल ग्रहण करके व्रत खोलें.
शुभ संयोग और विशेष लाभ
- कृतिका नक्षत्र में पूजा: यह नक्षत्र करवा चौथ के लिए बेहद शुभ माना जाता है.
- शुक्रवार का दिन: लक्ष्मी और गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
- गुरु मिथुन राशि में: पारिवारिक संबंधों में मजबूती और समृद्धि का योग.