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कैसे पहचाने Breast Cancer के लक्षण, क्या है बचाव के उपाय?

Breast Cancer Awareness: ब्रेस्ट कैंसर के क्या लक्षण होते है और इसके बचाव के क्या उपाय है, आज हम इस बारे में चर्चा करेंगे.

Written By: shristi S
Last Updated: October 8, 2025 16:58:05 IST

Breast Cancer 2025: हर साल अक्टूबर का महीना दुनियाभर में ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ के रूप में मनाया जाता है. इस महीने का उद्देश्य महिलाओं में इस बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाना और उन्हें शुरुआती लक्षणों को पहचानने के लिए प्रेरित करना है. ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में होने वाले सबसे आम कैंसरों में से एक है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, हर साल लाखों महिलाएं इसकी चपेट में आती हैं. अच्छी बात यह है कि अगर इसका पता शुरुआती स्टेज में चल जाए, तो इसका इलाज न केवल संभव है बल्कि मरीज के पूरी तरह ठीक होने की संभावना भी काफी अधिक होती है.

 ब्रेस्ट कैंसर क्या है?

ब्रेस्ट कैंसर स्तन की कोशिकाओं में असामान्य वृद्धि के कारण होता है. समय के साथ ये असामान्य कोशिकाएं एक गांठ या ट्यूमर का रूप ले लेती हैं, जो बिना इलाज के शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल सकती हैं. इसीलिए इसकी समय पर पहचान और इलाज बेहद जरूरी है.

ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षण (Early Symptoms of Breast Cancer)

ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण हर महिला में अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन कुछ संकेत ऐसे हैं जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए.

1. ब्रेस्ट या बगल में गांठ का महसूस होना – यह सबसे आम लक्षण है. यह गांठ आमतौर पर कठोर होती है और अक्सर दर्द नहीं होता.

2. ब्रेस्ट के आकार या आकार में बदलाव – अचानक ब्रेस्ट का बड़ा या छोटा होना या असामान्य आकार दिखाई देना.

3. त्वचा में बदलाव – ब्रेस्ट की त्वचा पर लालपन, खुजली, पपड़ी जमना या नारंगी के छिलके जैसा दिखना.

4. निप्पल में बदलाव – निप्पल का अंदर धंसना, पपड़ी जमना या लगातार खुजली होना.

5. निप्पल से डिस्चार्ज – निप्पल से खून या कोई असामान्य तरल पदार्थ का निकलना.

6. लगातार दर्द – ब्रेस्ट या निप्पल में ऐसा दर्द जो पीरियड्स से संबंधित न हो.

इन लक्षणों को हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है. अगर इनमें से कोई भी संकेत दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवाना जरूरी है.

 

नियमित जांच क्यों है जरूरी?

  • डॉक्टरों का कहना है कि ब्रेस्ट कैंसर को पूरी तरह रोकना संभव तो नहीं, लेकिन नियमित जांच और समय पर पहचान से इसके खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है.
  • सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन: हर महिला को महीने में एक बार, पीरियड्स खत्म होने के बाद, आईने के सामने खड़े होकर या लेटकर अपने स्तनों को हल्के हाथों से टटोलकर जांच करनी चाहिए.
  • क्लिनिकल ब्रेस्ट एग्जामिनेशन: 20 से 30 वर्ष की उम्र की महिलाओं को हर तीन साल में और 40 वर्ष के बाद हर साल डॉक्टर से जांच करानी चाहिए.
  • मैमोग्राफी: 40 वर्ष या उससे अधिक उम्र की महिलाओं के लिए मैमोग्राफी एक जरूरी जांच है। इससे छोटे से छोटे बदलावों का भी पता लगाया जा सकता है.

ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के उपाय (Prevention Tips)

  • स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं – हेल्दी और संतुलित आहार लें.
  • नियमित व्यायाम करें – रोजाना कम से कम 30 मिनट फिजिकल एक्टिविटी.
  • शराब और धूम्रपान से बचें.
  • वजन पर नियंत्रण रखें.
  • गलतफहमियों से दूर रहें – ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी कई मिथक समाज में फैली हैं. सही जानकारी के लिए डॉक्टर से परामर्श लें.

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