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karwa chauth 2025: आज 10 अक्टूबर 2025 को देशभर में करवा चौथ (Karwa Chauth) का पावन पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. यह दिन सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है क्योंकि इस दिन वे अपने पति की लंबी उम्र, सुख और समृद्धि की कामना करते हुए निर्जला व्रत रखती हैं. करवा चौथ का व्रत न केवल पारंपरिक मान्यता से जुड़ा है, बल्कि यह पति-पत्नी के बीच प्रेम और विश्वास का प्रतीक भी माना जाता है. इस दिन महिलाएं सज-धज कर विधि-विधान से पूजा करती हैं और रात में चांद निकलने के बाद अर्घ्य देकर व्रत खोलती हैं. करवा चौथ की पूजा में कथा सुनना या पढ़ना बेहद शुभ माना जाता है, क्योंकि यह व्रत के पूर्ण फल की प्राप्ति कराता है.
करवा चौथ कथा का शुभ समय
इस साल करवा चौथ की कथा पढ़ने का समय शाम 5:38 बजे से 6:52 बजे तक रहेगा. इस शुभ मुहूर्त में कथा सुनना या पढ़ना अत्यंत मंगलकारी माना गया है. पूजा के समय महिलाएं माता पार्वती, भगवान शिव, गणेश जी और कार्तिकेय की आराधना करती हैं.
करवा चौथ की कथा क्यों जरूरी है?
हिंदू धर्म में माना जाता है कि करवा चौथ की कथा सुनने से व्रत का फल कई गुना बढ़ जाता है. कथा के माध्यम से पारंपरिक मान्यताओं और इस व्रत के पीछे छिपे त्याग और समर्पण के संदेश को भी दोहराया जाता है. कथा पढ़ते या सुनते समय महिलाएं हाथ में अक्षत (चावल) और फूल रखती हैं तथा दीपक जलाकर भगवान के समक्ष श्रद्धा भाव से बैठती हैं.
क्या करवा चौथ की कथा अकेले पढ़ सकते हैं?
जी हां, अगर किसी कारणवश समूह में कथा सुनना संभव न हो तो आप अकेले में भी कथा पढ़ सकते हैं. इसके लिए पहले भगवान की प्रतिमा के सामने दीपक जलाएं, हाथ में अक्षत और फूल लें और शांत मन से कथा पढ़ें. ऐसा करने से व्रत का पूर्ण फल मिलता है.
करवा चौथ व्रत का महत्व
- अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
- दांपत्य जीवन में प्रेम और खुशहाली बनी रहती है.
- परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है.
- यह व्रत पारंपरिक आस्था, संस्कृति और पति-पत्नी के मजबूत रिश्ते का प्रतीक है.