कौन थी नूरजहां?
मेहरून्निसा की सुंदरता तो प्रसिद्ध थी ही, लेकिन उनकी सबसे बड़ी ताकत उनकी समझदारी और राजनीतिक सूझबूझ थी. समय के साथ जब उन्होंने सम्राट जहांगीर से विवाह किया, तो वो नूरजहां जहां की रोशनी बन गईं. जहांगीर के शासन के अंतिम वर्षों में जब सम्राट नशे और बीमारियों से जूझ रहे थे, तब दरबार के कई अहम फैसले नूरजहां के मार्गदर्शन में लिए गए. वे मुगल साम्राज्य में आदेश जारी करने वाली पहली महिला बनीं जो उस समय की पितृसत्तात्मक सत्ता में किसी उपलब्धि से कम नहीं था.
एक बेटी का अपने माता-पिता के प्रति अमर प्रेम
पहली बार संगमरमर की चमक से नहाई मुगल इमारत
बारीकियों में छिपी बेमिसाल खूबसूरती
जहांगीर की मृत्यु के बाद नूरजहां का राजनीतिक प्रभाव धीरे-धीरे कम हुआ। उन्होंने लाहौर में अपने अंतिम वर्ष बिताए और 68 वर्ष की आयु में वहीं उनका निधन हुआ। उनकी कब्र आज भी जहांगीर के मकबरे के पास स्थित है। लेकिन उनका बनाया इतमाद-उद-दौला का मकबरा आज भी आगरा की पहचान बना हुआ है।