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भारत के इस राज्य ने ‘अत्यंत गरीबी’ खत्म कर रचा इतिहास, दक्षिण एशिया में हुआ रिकॉर्ड दर्ज

Kerala Development Model: भारत के केरल ने अत्यंत गरीबी खत्म कर इतिहास रच दिया है. ऐसा करने वाला केरल दक्षिश एशिया का पहला राज्य बन चुका है, जिसने अत्यंत गरीबी खत्म की है.

Written By: shristi S
Last Updated: 2025-10-12 11:33:35

Kerala Extreme Poverty Free State: केरल सरकार ने वर्ष 2021 में एक महत्वाकांक्षी मिशन की शुरुआत की जिसमें राज्य से अत्यंत गरीबी को जड़ से खत्म करने का था. लक्ष्य था न सिर्फ आय में सुधार करना, बल्कि ‘मानवीय गरिमा’ को गरीबी उन्मूलन का केंद्र बनाना  इसमें भोजन, स्वास्थ्य, आय और आवास को प्राथमिक आधार बनाया गया. मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र के 158.10 रुपए प्रतिदिन की आय वाले मानक से आगे बढ़ते हुए केरल ने गरीबी को केवल आर्थिक नहीं, बल्कि सामाजिक और स्वास्थ्य गरिमा से भी जोड़ा. इसी सोच ने इस अभियान को देश ही नहीं बल्कि दक्षिण एशिया में भी ऐतिहासिक बना दिया. 1 नवंबर 2025 को केरल आधिकारिक रूप से ‘अत्यंत गरीबी मुक्त राज्य’ घोषित होगा. यह उपलब्धि न केवल भारत के लिए बल्कि पूरे दक्षिण एशिया के लिए मील का पत्थर है. 

जमीन पर उतरा माइक्रो प्लानिंग मॉडल

राज्य ने इस मिशन को व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ाने के लिए 1300 सर्वेयरों की टीम तैनात की, जो 14 जिलों में घर-घर गईं. इन टीमों ने मोबाइल एप की मदद से वार्ड स्तर पर नामांकन, उप-समितियों द्वारा शॉर्ट लिस्टिंग और ग्राम सभाओं में सत्यापन की बहुस्तरीय प्रक्रिया पूरी की.

इस सर्वे में 1,03,099 लोग चिन्हित हुए जिसमें 81% ग्रामीण इलाकों में रह रहे थे, 68% अकेले जीवन बिता रहे थे, 24% स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे, 21% के पास भोजन की कमी थी और 15% के पास पक्के घर नहीं थे. इस डेटा के आधार पर राज्य ने 73 हजार माइक्रो प्लान तैयार किए यानी हर परिवार के लिए अलग रणनीति. सबसे पहले कोट्टायम जिले के 978 प्लान लागू किए गए और फिर पूरे राज्य में यह मॉडल फैलाया गया.

 अब तक हुई प्रमुख उपलब्धियां

 लोगों को अब तक यह प्रमुख सुविधा मिली है, जिसमें 4,394 परिवारों को आय का साधन मिला. 29,427 लोगों को नियमित दवाओं की सुविधा मिली. 4,829 को विशेष मेडिकल मदद दी गई. 424 को हेल्थकेयर उपकरण दिए गए. 5,354 घरों की मरम्मत कराई गई. 3,913 परिवारों को नए घर मिले. 1,338 को जमीन सौंपी गई. 743 परिवारों को किराए के घर से शिफ्ट किया गया.

 सरकार और समाज की साझेदारी बनी ताकत

इस मिशन की सबसे बड़ी विशेषता रही सरकारी योजनाओं और सामाजिक संगठनों की संयुक्त भागीदारी. पंचायत स्तर से लेकर जिला प्रशासन और स्वयंसेवी संस्थाएं एकजुट होकर हर परिवार तक पहुंचीं. पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सामाजिक ऑडिट को सख्ती से लागू किया गया.

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