इस वर्ष धनतेरस 18 अक्टूबर 2025, शनिवार को मनाई जाएगी, जबकि त्रयोदशी तिथि 19 अक्टूबर को भी व्याप्त रहेगी. यानी आप दो दिन 18 और 19 अक्टूबर को शुभ मुहूर्त में खरीदारी कर सकते हैं. यदि बजट कम भी हो तो चिंता की बात नहीं है, क्योंकि धनतेरस पर सिर्फ सोना-चांदी ही नहीं, बल्कि कुछ खास पारंपरिक वस्तुएं खरीदना भी अत्यंत शुभ माना गया है. आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ चीज़ों के बारे में, जिन्हें धनतेरस पर खरीदना जीवन में सौभाग्य और समृद्धि लाने वाला माना जाता है—
पीतल के बर्तन
अगर बजट कम है और सोना-चांदी खरीदना संभव नहीं, तो आप पीतल के बर्तन भी खरीद सकते हैं। शास्त्रों में धनतेरस के दिन पीतल से बनी वस्तुएं घर लाना शुभ बताया गया है। इससे लक्ष्मीजी की कृपा बनी रहती है और घर में ऐश्वर्य का वास होता है.
झाड़ू
धनतेरस के दिन झाड़ू घर लाने का विशेष धार्मिक महत्व है. मान्यता है कि झाड़ू स्वयं लक्ष्मी का प्रतीक है. नए झाड़ू से घर की सफाई करने पर नकारात्मकता दूर होती है और आर्थिक समस्याओं में भी कमी आती है.
धनिया
धनतेरस पर धनिया खरीदना शुभ माना जाता है। पौराणिक मान्यता है कि धनिया ‘धन’ का प्रतीक है. इस दिन धनिया के दाने खरीदकर माता लक्ष्मी को अर्पित करें और कुछ दाने गमले में बो दें. कहा जाता है कि जब इनसे पौधा निकलता है तो घर में सुख-समृद्धि और आर्थिक उन्नति के रास्ते खुलते हैं.
सुपारी
धनतेरस की पूजा में सुपारी का विशेष महत्व होता है. सुपारी को यमदेव, इंद्रदेव और ब्रह्मदेव का प्रतीक माना गया है. इस दिन पूजा में इस्तेमाल की गई सुपारी को घर की तिजोरी या धन रखने वाले स्थान पर रखने से धन में वृद्धि होती है और घर में पैसों की तंगी दूर रहती है.
बताशा
धनतेरस पर बताशा लाना और उसे मां लक्ष्मी को भोग लगाना अत्यंत शुभ माना जाता है. बताशा न सिर्फ पूजन में उपयोगी है बल्कि इसे मां लक्ष्मी का प्रिय भोग भी कहा गया है. इसे श्रद्धा से चढ़ाने पर घर से दुर्भाग्य दूर होता है और देवी की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
कपूर
धनतेरस पर कपूर खरीदना और पूजन में उसका प्रयोग करना बेहद लाभकारी होता है. कपूर की सुगंध और धुआं घर की नकारात्मकता को दूर करता है और वातावरण को पवित्र बनाता है. इसे भगवान धन्वंतरि, कुबेर और मां लक्ष्मी की पूजा में अवश्य प्रयोग करें.
पान के पत्ते
पान के पत्तों को हिंदू धर्म में बहुत पवित्र माना गया है. धनतेरस पर पान के पत्ते खरीदकर घर लाने से देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है. ये पत्ते पूजा में प्रयोग किए जाते हैं और इन्हें शुभ अवसरों पर उपयोग करने से सौभाग्य और समृद्धि आती है.