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Dhanteras की शाम जरुर बनाएं धनवर्षा पोटली, जानें क्या होता है ये जिससे मां लक्ष्मी की बनती है असीम कृपा

Dhanteras 2025: आज पूरे देश में धनतेरस बड़ी धूमधाम से बनाया जाएगा, ऐसे में आप मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए ये 2 उपाय अवश्य करें, इसमें से एक है धनवर्षा पोटली आइए विस्तार से समझे क्या होता है ये.

Written By: shristi S
Last Updated: October 18, 2025 08:58:52 IST

Dhanteras 2025 Puja Rituals: दिवाली की पावन शुरुआत धनतेरस के दिन से होती है. कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाने वाला यह पर्व न केवल समृद्धि का प्रतीक है, बल्कि यह नए आरंभ, सकारात्मकता और आर्थिक स्थिरता का शुभ संकेत भी देता है.  इस दिन मां लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और भगवान कुबेर की विशेष पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि धनतेरस की शाम को कुछ विशेष उपाय करने से घर में सालभर लक्ष्मी कृपा बनी रहती है और परिवार में सुख-समृद्धि आती है. आइए जानते हैं, इस दिन किए जाने वाले दो बेहद प्रभावशाली उपाय धनवर्षा पोटली बनाना और दीपक जलाना और उनका धार्मिक महत्व.

धनतेरस पर बनाएं धनवर्षा पोटली 

धनतेरस की शाम को धनवर्षा पोटली तैयार करना बहुत ही शुभ माना जाता है. यह पोटली मां लक्ष्मी की कृपा, आर्थिक सुरक्षा और घर में स्थायी समृद्धि का प्रतीक होती है. ऐसा माना जाता है कि यदि इसे सही विधि से बनाया और पूजा स्थल या तिजोरी में रखा जाए, तो धन का प्रवाह कभी नहीं रुकता.

 पोटली बनाने की विधि:

1. सबसे पहले एक साफ पीले या लाल रंग का कपड़ा लें.

2. इस पर पूजा सामग्री — दो हल्दी की गांठें, चांदी का सिक्का, मां लक्ष्मी की तस्वीर, दो सुपारी, दो गोमती चक्र, दो कौड़ियां, पांच कमलगट्टे के बीज, दो हरी इलायची, दो लौंग, पीले अक्षत और थोड़ा धनिया रखें.

3. इन सभी वस्तुओं को पहले मां लक्ष्मी को अर्पित करें.

4. पूजा समाप्त होने के बाद सभी सामग्री को उसी कपड़े में बांधकर एक छोटी सी पोटली बना लें.

5. इस पोटली को अपनी तिजोरी, अलमारी या पूजा स्थल में रखें.

क्या है मान्यता?

 धनवर्षा पोटली घर में सकारात्मक ऊर्जा फैलाती है, धन की आवक को स्थिर रखती है और व्यापार या नौकरी में तरक्की का मार्ग प्रशस्त करती है. साथ ही, यह परिवार में सौहार्द और मानसिक शांति भी लाती है.

 दीपक जलाएं 

धनतेरस की रात दीपक जलाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है.  माना जाता है कि इस दिन घर के हर कोने में दीपक जलाने से अंधकार और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और लक्ष्मी माता का आगमन होता है.

 

दीपक जलाने की विधि:

1. शाम के समय या लक्ष्मी पूजा के दौरान मिट्टी या पीतल के दीपक में शुद्ध घी या तेल भरें.

2. घर के मुख्य द्वार, रसोई, पूजा स्थल और हर कमरे में कम से कम एक दीपक अवश्य जलाएं.

3. दीपक की लौ बाहर की ओर रखें ताकि प्रकाश पूरे घर में फैले.

4. घर के चारों दिशाओं में दीपक लगाने से नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है.

क्या है इसका धार्मिक महत्व?

 दीपक की छोटी-सी लौ घर में सुख-शांति और सम्पन्नता का प्रतीक मानी जाती है. इससे दुर्भाग्य और बुरी नजर दूर होती है, और घर में लक्ष्मी माता का वास होता है.

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