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Dhanteras पर क्यों जलाया जाता हैं यम दीपक? क्या हैं हिंदू धर्म में इसकी मान्यता?

Dhanteras 2025: हिंदु धर्म में खरीदारी से लेकर हर चीज का अपना अलग महत्व है, लेकिन क्या आप जानते है कि यम दीपक धनतेरस के दिन क्यों जलाया जाता है. जानें क्या है इसकी मान्यता.

Written By: shristi S
Last Updated: 2025-10-18 13:00:32

Yama Deepak Ritual on Dhanteras: भारत में कार्तिक महीने का यह पर्व धनतेरस धन, समृद्धि और स्वास्थ्य का प्रतीक माना जाता है. आज यानी 18 अक्टूबर 2025, शनिवार को देशभर में यह त्योहार बड़े उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. धनतेरस के दिन लोग सोना, चांदी, बर्तन और इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदते हैं, लेकिन इसके साथ ही कुछ विशेष धार्मिक अनुष्ठान भी किए जाते हैं जो जीवन में सुरक्षा, लंबी आयु और सकारात्मक ऊर्जा लाने का माध्यम माने जाते हैं.

क्या है यम दीपक का महत्व?

धनतेरस की रात घर के बाहर दीपक जलाने की परंपरा सदियों पुरानी है. माना जाता है कि इस रात घर के मुख्य द्वार या दक्षिण दिशा में दीपक जलाने से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है और मृत्यु के देवता यमराज की कृपा प्राप्त होती है. यह परंपरा पौराणिक कथाओं से जुड़ी है.

कहानी के अनुसार प्राचीन काल में हेम नामक राजा को पुत्र प्राप्त हुआ था, जिसकी कुंडली में भविष्यवाणी थी कि उसकी मृत्यु शादी के चौथे दिन हो जाएगी. जब यमराज पुत्र को लेने आए, तो धनतेरस की रात उनके नाम पर जलाए गए अनगिनत दीपों की रोशनी ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। तभी से यम दीपक जलाने की परंपरा चली आ रही है.

धनतेरस पर दीपक जलाने का शुभ मुहुर्त

इस साल, 18 अक्टूबर 2025 को शाम 5:48 बजे से 7:05 बजे तक यम दीपक जलाना शुभ माना गया है. इसे घर की पवित्र खिड़की या मुख्य द्वार के बाहर दक्षिण दिशा में रखने से घर के सदस्यों को दीर्घायु, शांति और दैवीय सुरक्षा मिलती है.

यम दीपक के लिए चौमुखी आटे का दीया या किसी पवित्र सामग्री का दीया इस्तेमाल किया जा सकता है. यदि आटे का दीया प्रयोग किया जा रहा है तो उसमें रोली की बत्ती जलाना उत्तम होता है. दीपक जलाते समय मुख्य मंत्र का जाप करें ॐ सूर्य-पुत्रये विद्महे महाकालये धीमहि तन्नो यमः प्रचोदयात्. दीपक जलाने के बाद मुख्य द्वार पर दक्षिण दिशा की ओर गेहूं या मुरमुरे (खील) के ढेर पर दीया रखें. यह अनुष्ठान यमराज की कृपा को आकर्षित करता है और परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है.

धनतेरस पर दान और खरीदारी का महत्व

धनतेरस पर कुछ चीजों का दान करने से बचना चाहिए। विशेष रूप से धन या सिक्कों का दान इस दिन उचित नहीं माना जाता क्योंकि धन ईश्वर की दिव्य ऊर्जा का प्रतीक है. वहीं, तेल और घी का प्रयोग दीपक में करना शुभ माना जाता है क्योंकि यह पवित्रता, प्रकाश और सौभाग्य का प्रतीक हैं.

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