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दीपावली केवल रोशनी और उल्लास का पर्व नहीं, बल्कि यह मां लक्ष्मी और श्री गणेश की आराधना का शुभ अवसर है. सही विधि, शुद्धता और श्रद्धा के साथ किया गया पूजन जीवन में स्थायी सुख, शांति और समृद्धि का वरदान देता है. आइए जानते हैं कि दीपावली पूजन में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
प्रतिमा का चयन करें सोच-समझकर
- श्री गणेश और माँ लक्ष्मी की मूर्तियां प्रसन्न मुद्रा में होनी चाहिए. उग्र स्वरूप या क्रोधित आकृति वाली प्रतिमाएं घर में नहीं रखनी चाहिए.
- खंडित या टूटी हुई मूर्तियों का पूजन सर्वथा वर्जित है.
- गणेश जी की दाहिनी ओर लक्ष्मी जी को स्थापित करें क्योंकि लक्ष्मी विष्णुप्रिया हैं, गणेश की वामांगना नहीं.
अखंड दीपक का विशेष महत्व
- दीपावली की रात्रि में जो दीपक पूजन के समय जलाया जाए, उसे रात्रि भर बुझने न दें.
- यह अखंड दीपक लक्ष्मी का प्रतीक है. इसके प्रकाश से घर में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है.
दीपावली की रात जागरण करें
- दीपावली की रात में सोना यानी कि लक्ष्मी जी को खोना.
- इस महाकाल रात्रि में जागरण करके लक्ष्मी पूजन, भजन और ध्यान करने से देवी की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
गणेश और लक्ष्मी पूजन की विधि
श्री गणेश पूजन
- गणेश जी को तुलसी न चढ़ाएं. सिंदूर का तिलक, दूर्वा, और मोदक (लड्डू) का भोग लगाएं.
- प्रिय फल- केला, सेब, कैथा, जामुन, और गन्ना को भोग लगाने से गणेश जी प्रसन्न होते हैं.
मां लक्ष्मी पूजन
- लक्ष्मी जी को रोली की बिंदी लगाकर कमल का फूल चढ़ाएं. खीर या सफेद रंग की मिठाई का भोग लगाएं.
- प्रिय फल-अनार, संतरा, शरीफा और कमलगट्टा का भोग लगाना चाहिए.
पूजन के समय रखें ये व्यवस्था
- पूजन के समय शोर-गुल न करें, क्योंकि कोलाहल से लक्ष्मी विचलित होकर चली जाती हैं.
- शंख की उपस्थिति और उसका नाद लक्ष्मी को प्रिय है.
- सुगंध (इत्र) का प्रयोग पूजन में शुभ और मनभावन माना गया है.
दिशा, दीप और आसन का महत्व
- पूजा ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में करें.
- अपना मुख पूर्व दिशा की ओर रखें.
- घी का दीपक बायीं ओर और तेल का दीपक दाहिनी ओर रखें. दीपक को चावल के ऊपर रखें.
- पकवान बायीं ओर तथा फल दाहिनी ओर रखें.
स्वच्छता और वस्त्र का ध्यान रखें
- मां लक्ष्मी को स्वच्छता अत्यंत प्रिय है.
- घर को पूरी तरह साफ-सुथरा रखें.
- स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें.
- नये या धुले वस्त्र पहनकर ही पूजन करें.
कुबेर क्षेत्र की पूजा भी करें
- कुबेर देव धन के अधिष्ठाता हैं इसलिए घर की तिजोरी, गल्ला या धन-स्थान को भी धूप-दीप अवश्य दिखाएं.
- इससे धन की वृद्धि और स्थिरता बनी रहती है.
मूर्तियों का विसर्जन विधि पूर्वक करें
- दीपावली के बाद पूजन की पुरानी मूर्तियों को सम्मान पूर्वक किसी नदी, सरोवर या जलाशय में विसर्जित करें.
- उन्हें पेड़ के नीचे या किसी कोने में यूं ही न छोड़ें.