क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक, शनिवार की सुबह रोहिणी रोज़ की तरह बिल्कुल सामान्य थीं. परिवार के मुताबिक, उन्होंने नाश्ता किया, कुछ देर फोन पर किसी से बातचीत की और फिर अपने कमरे में चली गईं. कुछ देर बाद जब उनकी छोटी बहन रोशनी कलम ने दरवाजा खटखटाया तो कोई जवाब नहीं मिला। झांककर देखा तो रोहिणी फांसी के फंदे से लटकी हुई थीं.सघबराए परिजनों ने तुरंत दरवाजा तोड़कर उन्हें नीचे उतारा और अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. घटना के वक्त माता-पिता घर पर नहीं थे. पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, और अब हर एंगल से जांच शुरू हो चुकी है.
रोहिणी कलम के करियर पर एक नजर
रोहिणी कलम ने अपने खेल जीवन की शुरुआत 2007 में की थी। शुरूआती वर्षों में उन्होंने पारंपरिक भारतीय मार्शल आर्ट्स में ट्रेनिंग ली और धीरे-धीरे जापानी जुजुत्सु में महारत हासिल की. 2015 में वे पेशेवर रूप से इस खेल से जुड़ीं और जल्द ही भारत की अग्रणी जुजुत्सु खिलाड़ी बन गईं.
उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व कई बड़े टूर्नामेंटों में किया, जिनमें 19वें एशियाई खेल (हांगझोऊ) में भारत का प्रतिनिधित्व किया, थाईलैंड ओपन ग्रैंड प्रिक्स 2022 में कांस्य पदक जीता, 8वीं एशियाई जुजुत्सु चैंपियनशिप 2024 (Abu Dhabi) में युगल क्लासिक स्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया, कॉम्बैट गेम्स (Saudi Arabia) के लिए क्वालीफाई करने वाली चुनिंदा भारतीयों में से एक थीं, उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि वे विश्व खेल (बर्मिंघम) के लिए चुनी जाने वाली एकमात्र भारतीय जुजुत्सु खिलाड़ी थीं एक सम्मान जो अब भारतीय खेल इतिहास में दर्ज रहेगा.
रोहिणी कलम की मौत से खेल जगत में शोक की लहर
रोहिणी की अचानक मौत से खेल जगत में गहरा शोक है. उनके साथी खिलाड़ी और कोच उन्हें एक संवेदनशील, प्रेरक और समर्पित खिलाड़ी के रूप में याद कर रहे हैं. देवास के खेल संघों से लेकर राष्ट्रीय जुजुत्सु फेडरेशन तक, सभी ने उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है.