क्या है पूरा मामला?
गुरुवार सुबह की यह घटना खजराना रोड इलाके में हुई, जब दोनों ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर अपने होटल से पास के एक कैफे की ओर जा रही थीं. इसी दौरान एक बाइक सवार युवक ने उनका पीछा किया और कथित तौर पर उनमें से एक खिलाड़ी को अनुचित रूप से छुआ. आरोपी युवक मौके से फरार हो गया, लेकिन पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उसे अगले दिन गिरफ्तार कर लिया. आरोपी की पहचान अकील नामक युवक के रूप में हुई है.
कैलाश विजयवर्गीय की ‘सलाह’ ने बढ़ाया विवाद
मामले की गंभीरता को देखते हुए पूरे राजनीतिक गलियारे में प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई. प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने घटना को “शर्मनाक” बताते हुए कहा कि यह “देश के सम्मान से जुड़ा मामला” है. हालांकि, उन्होंने इसके साथ जो बयान दिया, उसने नया विवाद खड़ा कर दिया. विजयवर्गीय ने कहा कि खिलाड़ियों को जब भी अपने होटल या घर से बाहर निकलना हो, तो उन्हें स्थानीय प्रशासन को सूचित करना चाहिए. भारत में क्रिकेटरों का बहुत बड़ा क्रेज है, इसलिए सुरक्षा का ध्यान रखना जरूरी है. उनकी यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई और लोगों ने इसे पीड़ितों पर जिम्मेदारी डालने जैसा बताया. आलोचकों ने कहा कि सुरक्षा की जिम्मेदारी खिलाड़ियों की नहीं, बल्कि स्थानीय प्रशासन की होती है.
रामेश्वर शर्मा का सख्त पर विवादित बयान
वहीं, भोपाल की हुजूर सीट से बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने आरोपी अकील की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए कहा कि उसे चार जूते मारकर जेल भेजा गया है. शर्मा ने यह भी कहा कि इस तरह के लोगों को ऐसी सजा मिलनी चाहिए जो दूसरों के लिए नजीर बने. लेकिन इसके साथ ही उन्होंने एक और विवादित बयान दिया. उन्होंने कहा कि मैं कट्टरपंथी मुसलमानों से कहना चाहता हूं कि देश की छवि क्यों बिगाड़ रहे हो? हिंदुस्तान में रहना है तो बाबा साहब के संविधान के तहत रहो. बहन-बेटी का अपमान करने वाले किसी अकील को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे. शर्मा के इस बयान को धार्मिक रंग देने के आरोप भी लगे. विपक्षी दलों ने कहा कि अपराधी की पहचान उसके धर्म से नहीं, बल्कि उसके कृत्य से होनी चाहिए.