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Thyroid Symptoms: आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में लोग अक्सर अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देते हैं। यही लापरवाही कई बार गंभीर बीमारियों का रूप ले लेती है। इन्हीं में से एक है थायरॉयड की समस्या, जो आज हर उम्र के लोगों में आम हो चुकी है. पहले जहां यह बीमारी ज्यादातर महिलाओं में पाई जाती थी, अब पुरुषों और युवाओं में भी तेजी से बढ़ रही है। खास बात यह है कि इसके शुरुआती लक्षण बहुत हल्के होते हैं, जिन्हें आमतौर पर लोग सामान्य थकान या तनाव समझकर टाल देते हैं. लेकिन यही गलती आगे चलकर शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित कर सकती है.
क्या है थायरॉयड?
थायरॉयड गले के निचले हिस्से में स्थित तितली के आकार की एक ग्रंथि है, जो शरीर के लिए बेहद जरूरी हार्मोन T3 (ट्रायआयोडोथायरोनिन) और T4 (थायरोक्सिन) बनाती है. ये हार्मोन हमारे शरीर की ऊर्जा, मेटाबॉलिज्म, दिल की धड़कन और शरीर के तापमान को नियंत्रित करते हैं. अगर यह ग्रंथि जरूरत से ज्यादा या कम हार्मोन बनाने लगती है, तो शरीर का संतुलन बिगड़ जाता है.
थायरॉयड के प्रमुख प्रकार
- हाइपोथायरॉयडिज्म (Hypothyroidism): जब ग्रंथि पर्याप्त हार्मोन नहीं बना पाती, तब शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ जाता है.
- हाइपरथायरॉयडिज्म (Hyperthyroidism): इस स्थिति में ग्रंथि जरूरत से ज्यादा हार्मोन बनाती है, जिससे शरीर का मेटाबॉलिज्म तेज हो जाता है.
- थायरॉयड नोड्यूल या कैंसर: जब थायरॉयड ग्रंथि में गांठें या ट्यूमर बन जाते हैं.
थायरॉयड के शुरुआती लक्षण जिन्हें न करें नज़रअंदाज़
- बिना वजह बेचैनी या घबराहट: अगर आपको किसी कारण के बिना दिल की धड़कन तेज महसूस हो रही है या नर्वसनेस बढ़ी है, तो यह हाइपरथायरॉयडिज्म का संकेत हो सकता है.
- मूड स्विंग्स और हाथों में कंपन: बार-बार मूड बदलना और हल्का कंपन महसूस होना भी थायरॉयड के लक्षण हैं.
- बिना वजह वजन बढ़ना या घटना: अगर आपकी डाइट और दिनचर्या वही है, फिर भी वजन तेजी से बढ़ रहा है या घट रहा है, तो यह थायरॉयड असंतुलन का नतीजा हो सकता है.
- थकान और नींद की समस्या: लगातार थकान, नींद न आना या ऊर्जा की कमी भी थायरॉयड की गड़बड़ी का संकेत है.
- त्वचा और बालों में बदलाव: बाल झड़ना, त्वचा का सूखापन या चेहरा फूलना भी इस बीमारी के सामान्य लक्षण हैं.
थायरॉयड का इलाज कैसे होता है?
अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण लगातार महसूस हो रहे हैं, तो डॉक्टर से तुरंत जांच कराएं। थायरॉयड की पहचान TSH, T3 और T4 टेस्ट के ज़रिए की जाती है.
इलाज में शामिल हैं:
- दवाइयां: हार्मोनल बैलेंस बनाए रखने के लिए डॉक्टर नियमित दवाइयां देते हैं.
- रेडियोएक्टिव आयोडीन थेरेपी: यह हाइपरथायरॉयडिज्म के मामलों में उपयोगी होती है.
- सर्जरी: अगर थायरॉयड में गांठ या ट्यूमर बन गया हो.
थायरॉयड को कंट्रोल करने के आसान उपाय
- आयोडीन युक्त नमक का सेवन करें.
- संतुलित आहार लें जिसमें प्रोटीन, फाइबर और विटामिन भरपूर हों.
- नियमित व्यायाम करें और तनाव कम करने की कोशिश करें.
- धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं.
थायरॉयड कोई लाइलाज बीमारी नहीं है, लेकिन इसे हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है. अगर समय पर पहचान और इलाज शुरू कर दिया जाए, तो यह पूरी तरह नियंत्रित की जा सकती है. इसलिए शरीर के संकेतों को समझें और ज़रूरत पड़ने पर डॉक्टर से सलाह जरूर लें.