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इतिहास में पहली बार, भारत में डिजिटल और जाति आधारित जनगणना का हुआ आगाज़, आज से शुरू होगा पहला चरण

Digital Caste Census: भारत के इतिहास में पहली बार डिजिटल और जाति आधारित जनगणना आज से शुरू होने वाली है, ऐसे में आप किस तरह अपनी जानकारी भर सकते है. आइये जानें पूरी डिटेल

Written By: shristi S
Last Updated: 2025-11-01 09:21:54

India Caste Census: भारत अब अपनी जनगणना प्रक्रिया में एक ऐतिहासिक बदलाव की ओर बढ़ रहा है. आज से शुरू हो रहा जनगणना 2027 का पहला चरण, देश की पहली डिजिटल और जाति आधारित जनगणना की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है. यह वह जनगणना है, जो कोविड-19 महामारी के कारण वर्ष 2021 में स्थगित हो गई थी. अब इसे नई समयसीमा के साथ पुनः आरंभ किया जा रहा है, ताकि 2026-27 तक भारत की सामाजिक और जनसांख्यिकीय स्थिति की सटीक तस्वीर सामने लाई जा सके.

जनगणना 2027 कब और कैसे होगी पूरी प्रक्रिया

केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त कार्यालय ने अधिसूचना जारी कर बताया था कि इस बार जनगणना को दो मुख्य चरणों में आयोजित किया जाएगा.

  • पहला चरण: हाउस लिस्टिंग और हाउसिंग जनगणना (HLO), जिसका पूर्व परीक्षण (Pre-Test) आज से शुरू हो गया है.
  • दूसरा चरण: वास्तविक गणना, जो 1 अप्रैल 2026 से 28 फरवरी 2027 के बीच पूरी की जाएगी.
इस बार पूरी प्रक्रिया डिजिटल माध्यम से होगी, जिसमें नागरिकों को स्व-गणना (Self Enumeration) का विकल्प भी दिया गया है. यानी लोग खुद अपने मोबाइल या कंप्यूटर के माध्यम से अपनी जानकारी भर सकेंगे.

1 से 7 नवंबर तक चलेगी स्व-गणना सुविधा

अधिकारियों के अनुसार, जनगणना के इस पूर्व परीक्षण चरण में दो मॉड्यूल पर काम किया जाएगा जिसमें Self Enumeration Portal (स्व-गणना पोर्टल) और Enumerator Mobile App (गणनाकर्मी मोबाइल ऐप) है. इसमें आप 1 से 7 नवंबर 2025 तक नागरिक स्वयं पोर्टल के माध्यम से अपने परिवार से जुड़ी जानकारी भर सकेंगे. इसके बाद 10 से 30 नवंबर 2025 के बीच गणनाकर्मी उन्हीं घरों का दोबारा दौरा करेंगे और मोबाइल ऐप के जरिए शेष जानकारी एकत्र करेंगे. इस परीक्षण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि डिजिटल प्रणाली कितनी प्रभावी, सटीक और उपयोग में सरल है.

कौन-कौन सी जानकारी ली जाएगी

पूर्व परीक्षण के दौरान गणनाकर्मी घर-घर जाकर लगभग 30 प्रश्न पूछेंगे, जो घर और परिवार से जुड़ी मूलभूत जानकारियों पर आधारित होंगे. इनमें शामिल होंगे:

  • मकान की संख्या, छत और फर्श का प्रकार
  • परिवार प्रमुख का नाम और लिंग
  • परिवार के सदस्यों की संख्या
  • पेयजल का स्रोत
  • बिजली और शौचालय की उपलब्धता
  • खाना पकाने में उपयोग होने वाला ईंधन
  • घर में टीवी, मोबाइल, कंप्यूटर और वाहन जैसी सुविधाएं
इन सवालों का मकसद केवल जनसंख्या गिनना नहीं, बल्कि भारत के हर घर की जीवन-स्तर और सुविधाओं की वास्तविक स्थिति का आकलन करना है।

जाति आधारित डेटा शामिल होगा

स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह पहली बार होगा जब जनगणना में जाति आधारित जानकारी भी शामिल की जाएगी. हालांकि, सूत्रों के अनुसार जाति से जुड़े प्रश्नों की रूपरेखा अभी अंतिम रूप में तय नहीं की गई है, इसलिए फिलहाल केवल हाउस लिस्टिंग चरण का परीक्षण किया जा रहा है. वहीं, सरकार ने लोकसभा में स्पष्ट किया है कि इस बार राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को अद्यतन नहीं किया जाएगा. NPR को आखिरी बार वर्ष 2015-16 में संशोधित किया गया था.

यह जनगणना भारत की अब तक की सबसे तकनीकी रूप से उन्नत जनगणना होगी. नागरिकों को पहली बार मोबाइल ऐप और ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से अपनी जानकारी खुद दर्ज करने की सुविधा दी जा रही है. इसके साथ ही, गणनाकर्मियों को भी स्मार्टफोन या टैबलेट के माध्यम से डेटा एकत्र करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है, जिससे कागजी फॉर्म की जगह डिजिटल डेटा सीधे केंद्रीय सर्वर पर अपलोड किया जा सकेगा.

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