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ED Seized Reliance Group Assets: देश के जाने-माने उद्योगपति अनिल अंबानी (Anil Amabani) एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (ED) के निरशाने पर हैं. एजेंसी ने उनके रिलायंस ग्रुप की करीब 3,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों को कुर्क कर लिया है. यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग और कर्ज धोखाधड़ी से जुड़े एक बड़े मामले का हिस्सा है, जिसकी जांच पिछले कुछ महीनों से तेज़ी से चल रही है.
जांच की शुरुआत कैसे हुई?
मामला उस समय सामने आया जब ED और CBI दोनों एजेंसियों ने रिलायंस ग्रुप की कुछ कंपनियों से जुड़े वित्तीय लेनदेन और बैंक कर्जों में गड़बड़ियों की जांच शुरू की. इन जांचों में पाया गया कि रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर सहित कई ग्रुप कंपनियों में लगभग 17,000 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितताओं के संकेत मिले हैं. इसी जांच के तहत ED ने अगस्त 2025 में अनिल अंबानी से पूछताछ भी की थी। एजेंसी को शक है कि कंपनी ने बैंकिंग चैनलों का गलत इस्तेमाल करते हुए कर्ज के पैसों का दुरुपयोग किया.
ED ने क्यों की कुर्की?
एजेंसी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत यह कुर्की की गई है. अधिकारी ने नाम न बताते हुए कहा कि जांच के दौरान करीब 3,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया गया है. इस पर विस्तृत बयान जल्द जारी किया जाएगा.
रिलायंस ग्रुप का पक्ष
रिलायंस ग्रुप ने इस कार्रवाई को पूरी तरह गलत बताया है. कंपनी ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि 17,000 करोड़ रुपये की बताई जा रही राशि और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी बातें पूरी तरह काल्पनिक हैं. इनमें कोई सच्चाई नहीं है. हमारी कंपनी किसी भी बैंक या वित्तीय संस्था पर बकाया नहीं रखती और फिलहाल अपने बिजनेस प्लान पर ध्यान केंद्रित कर रही है. रिपोर्ट्स के अनुसार, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर का नेट वर्थ जून 2025 तक 14,883 करोड़ रुपये बताया गया है और कंपनी ने खुद को ‘Debt Free’ यानी कर्जमुक्त बताया है.
CBI की भी पैनी नजर
CBI ने भी इस मामले में अनिल अंबानी की कंपनियों और यस बैंक (Yes Bank) के बीच हुए लेनदेन की जांच की है. बताया जा रहा है कि यस बैंक के पूर्व CEO राणा कपूर और उनके रिश्तेदारों की कंपनियों के साथ हुए कुछ संदिग्ध सौदों को लेकर एजेंसियों ने चार्जशीट दाखिल कर दी है.