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Flying Snake Facts: सांप का नाम सुनते ही अक्सर लोगों की रीढ़ में सिहरन दौड़ जाती है. धरती पर मौजूद जीवों में सांप सबसे रहस्यमयी और खतरनाक जीवों में गिने जाते हैं. दुनिया में सांपों की लगभग 3,000 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें से कुछ बेहद विषैली होती हैं. भारत में करीब 69 प्रजातियाँ ऐसी हैं जो जहरीली मानी जाती हैं, जिनमें से 29 समुद्र में और बाकी 40 जमीन पर रहती हैं. लेकिन क्या आपने कभी “उड़ने वाले सांप” के बारे में सुना है? सुनने में यह थोड़ा अजीब लगता है, लेकिन यह सच है कि प्रकृति ने ऐसी भी प्रजाति बनाई है जो हवा में उड़ने जैसी क्षमता रखती है.
उड़ने वाले सांप कौन होते हैं?
उड़ने वाले सांपों को वैज्ञानिक भाषा में क्राइसोपेलिया (Chrysopelea) कहा जाता है. यह सांप देखने में बेहद आकर्षक होते हैं और पेड़ों पर रहने की आदत रखते हैं. इन्हें खास तौर पर दक्षिण-पूर्व एशिया और भारत के कुछ घने जंगलों में देखा जा सकता है. इनका शरीर हल्का और लचीला होता है, जिससे ये एक पेड़ की शाखा से दूसरी शाखा पर बड़ी सहजता से “फिसल” या “ग्लाइड” कर जाते हैं.
कहां पाए जाते हैं उड़ने वाले सांप?
इन सांपों की मौजूदगी ज्यादातर भारत, श्रीलंका, वियतनाम, थाईलैंड, कंबोडिया, म्यांमार, लाओस, इंडोनेशिया, फिलीपींस और दक्षिणी चीन जैसे देशों में पाई जाती है. भारत में इनकी कुछ प्रजातियां विशेष रूप से गोल्डन ट्री स्नेक नाम से जानी जाती हैं. ये अधिकतर ऊंचे पेड़ों पर रहते हैं ताकि आसानी से एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर छलांग लगा सकें. उड़ने की यह क्षमता वास्तव में इनके शरीर की लचक और गति नियंत्रण की वजह से होती है, न कि पंखों की वजह से.
क्यों “उड़ते” हैं सांप?
विशेषज्ञों का मानना है कि उड़ने वाले सांप शिकारी जानवरों से बचने, अपने शिकार तक पहुंचने और जमीन पर उतरे बिना एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर जाने के लिए हवा में फिसलते हैं. ये सांप ज्यादातर छोटे जीवों जैसे छिपकली या मेंढक का शिकार करते हैं, इनके शरीर में हल्का ज़हर होता है, लेकिन यह मनुष्यों के लिए आम तौर पर हानिकारक नहीं होता.
क्या उड़ने वाले सांप के ऊपर से गुजरने से इंसान की लंबाई घट जाती है?
कई जगहों पर यह लोककथा प्रचलित है कि अगर कोई उड़ने वाला सांप किसी व्यक्ति के ऊपर से गुजर जाए तो उसकी लंबाई कम हो जाती है. लेकिन यह सिर्फ़ एक अंधविश्वास है. इस दावे का कोई वैज्ञानिक या जैविक आधार नहीं है. दरअसल, उड़ने वाला सांप वास्तव में “उड़ता” नहीं, बल्कि एक शाखा से दूसरी शाखा पर फिसलता है. इसकी यह गति देखकर ऐसा भ्रम होता है कि वह हवा में उड़ रहा है.