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घर की पहली ईंट से पहले करें ये काम, वरना ठहर जाएगी खुशहाली, जानें नींव पूजन के वास्तु महत्व

Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में हर चीज का अपना एक महत्व होता है, इसी तरह जब आप घर बनाने की नींव डाल रहे होते है, तब इन बातों का जरूर ध्यान रखें.

Written By: shristi S
Last Updated: November 3, 2025 16:08:24 IST

Vastu Tips for House Foundation: घर बनाना सिर्फ एक निर्माण प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह जीवन की सबसे बड़ी जिम्मेदारियों और सपनों में से एक होता है. किसी भी घर की शुरुआत उसकी नींव से होती है, और वास्तु शास्त्र के अनुसार, नींव पूजन इस यात्रा का सबसे पवित्र और शुभ चरण माना जाता है. नींव पूजन न केवल भवन के स्थायित्व के लिए आवश्यक है, बल्कि यह घर में आने वाले सौभाग्य, शांति और समृद्धि का द्वार भी खोलता है.

 

नींव पूजन का महत्व

वास्तु शास्त्र के अनुसार, नींव पूजन का संबंध पृथ्वी देवता से होता है. यह पूजन धरती माता से अनुमति मांगने और सकारात्मक ऊर्जा का आह्वान करने का प्रतीक है. जब हम भूमि की खुदाई करते हैं, तो उसके भीतर सुप्त ऊर्जा को जागृत किया जाता है। इसलिए यह आवश्यक है कि इस कार्य को विधि-विधान और श्रद्धा के साथ किया जाए.

 

नींव पूजन की प्रक्रिया

नींव पूजन आमतौर पर घर के दक्षिण-पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में किया जाता है. पहले भूमि की खुदाई की जाती है, फिर उसमें पूजा कर विशेष सामग्रियों को रखकर वापस मिट्टी से भरा जाता है. इसके बाद ही निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाता है.

 

नींव पूजन में रखी जाने वाली प्रमुख वस्तुएं

1. तांबे का कलश- तांबा सकारात्मक ऊर्जा का वाहक माना जाता है. कलश में गंगाजल, सिक्का, हल्दी, कुमकुम और फूल रखे जाते हैं. यह भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी का प्रतीक होता है, जो घर में धन-समृद्धि और स्थिरता बनाए रखते हैं.

2. हल्दी और सुपारी- पांच साबुत हल्दी या पूजा वाली सुपारी को शुभता और मंगल का प्रतीक माना गया है. इसे नींव में रखने से घर में सकारात्मकता और सौभाग्य बढ़ता है.

3. लोहे की चार कीलें- वास्तु के अनुसार, नींव में चारों दिशाओं में लोहे की कीलें रखने से नकारात्मक शक्तियां और बुरी नजर घर में प्रवेश नहीं कर पातीं. यह घर की रक्षा का प्रतीक है.

4. पान का पत्ता और जनेऊ- ये वस्तुएं धार्मिकता और पवित्रता का संकेत हैं. पान का पत्ता देवताओं को प्रिय होता है और जनेऊ शुभ संस्कारों का प्रतीक है.

5. नारियल, गुड़ और फल- ये समृद्धि, मिठास और जीवन के पूर्णत्व का प्रतीक हैं. इनका उपयोग पूजन में किया जाता है ताकि घर में सद्भाव और मिठास बनी रहे.

6. दूध, शहद और मिट्टी का कसोरा- इनका उपयोग भूमि को शुद्ध और पवित्र करने के लिए किया जाता है. यह संयोजन धरती की उर्वरता और स्थायित्व का प्रतीक है.

नींव पूजन के लाभ

  • घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं होता.
  • परिवार के सदस्यों के बीच शांति और समरसता बनी रहती है.
  • धन और समृद्धि का स्थायी वास होता है.
  • घर का निर्माण मजबूत और टिकाऊ होता है.

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