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Bihar Assembly Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Assembly Election) अब निर्णायक दौर में प्रवेश कर चुका है. पहले चरण के मतदान (First Phase Voting) से पहले प्रदेश की सियासत अपने चरम पर है, मंगलवार शाम प्रचार थम चुका है और अब कल यानी 6 नवंबर को 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी. इस चरण में बिहार की राजनीति के कई बड़े नेताओं की किस्मत EVM में बंद हो जाएगी. इनमें दोनों डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, RJD नेता तेजस्वी प्रसाद यादव, और राज्य सरकार के 14 मंत्री शामिल हैं.
इन दिग्गजों की साख दांव पर
पहले चरण में जिन नामचीन नेताओं का भविष्य तय होना है, उनमें उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी तारापुर से, जबकि विजय कुमार सिन्हा लखीसराय से मैदान में हैं. वहीं महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी प्रसाद यादव राघोपुर से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इनके अलावा विधानसभा उपाध्यक्ष नरेन्द्र नारायण यादव आलमनगर से मैदान में हैं.
मंत्रियों का मुकाबला भी रोचक
इस चरण में सरकार के 14 मंत्री भी मैदान में हैं जिसमें स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय सीवान से चुनाव लड़ रहे हैं, जहां उनका मुकाबला पूर्व विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी से है. जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी सरायरंजन, शिक्षा मंत्री सुनील कुमार भोरे, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन बांकीपुर, पर्यावरण मंत्री डॉ. सुनील कुमार बिहारशरीफ, और ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार नालंदा से चुनावी मैदान में हैं. राजस्व मंत्री संजय सरावगी, नगर विकास मंत्री जिवेश कुमार, मद्यनिषेध मंत्री रत्नेश सदा और IT मंत्री कृष्ण कुमार मंटू जैसे कई चेहरे भी इस चरण में अपनी सीट बचाने की जद्दोजहद में जुटे हैं.
तीन दलों के प्रदेश अध्यक्ष भी मैदान में
पहले चरण में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा महनार, रालोमो के प्रदेश अध्यक्ष मदन चौधरी पारू और आईआईपी अध्यक्ष इंद्रजीत प्रसाद गुप्ता सहरसा से चुनाव लड़ रहे हैं. यानी यह चरण कई राजनीतिक दलों के भविष्य के लिए निर्णायक साबित होगा.
औसतन 11 प्रत्याशी प्रति सीट
- पहले चरण की 121 सीटों पर 1314 उम्मीदवार मैदान में हैं यानी औसतन हर सीट पर करीब 11 उम्मीदवार हैं.
- मुजफ्फरपुर और कुढ़नी में सबसे ज्यादा 20-20 प्रत्याशी, जबकि भोरे, परबत्ता और अलौली में सबसे कम 5-5 उम्मीदवार मैदान में हैं.
- प्रत्याशियों की औसत आयु 51 वर्ष है, और लगभग 40% उम्मीदवार करोड़पति हैं.
- सबसे धनी उम्मीदवार भाजपा के कुमार प्रणय (मुंगेर) हैं, जिनकी संपत्ति लगभग 170 करोड़ रुपये बताई गई है.
आपराधिक रिकॉर्ड और शिक्षा स्तर
चौंकाने वाली बात यह है कि 32% उम्मीदवारों (432) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि 27% पर गंभीर आपराधिक केस चल रहे हैं. वहीं, 50% उम्मीदवार स्नातक या उससे अधिक शिक्षित हैं, जबकि कुछ साक्षर या डिप्लोमा धारक भी हैं.
महागठबंधन के भीतर आपसी भिड़ंत
पहले चरण में कई सीटों पर महागठबंधन के सहयोगी दल आमने-सामने हैं. उदाहरण के तौर पर —
- वैशाली सीट पर राजद के अजय कुमार कुशवाहा और कांग्रेस के संजीव सिंह आमने-सामने हैं.
- राजापाकर में कांग्रेस की प्रतिमा दास और सीपीआई के मोहित पासवान के बीच मुकाबला है.
- बिहारशरीफ में कांग्रेस के ओमैर खान और सीपीआई के शिव कुमार यादव के बीच सीधी टक्कर है.
चर्चित चेहरों की साख भी दांव पर
पहले चरण में कई चर्चित और ग्लैमरस नाम भी मैदान में हैं. जैसे बक्सर से पूर्व IPS आनंद मिश्रा, छपरा से भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव, अलीनगर से लोकगायिका मैथिली ठाकुर, सीवान से शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब, और मोकामा से अनंत सिंह चुनावी समर में हैं. वहीं महुआ से लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव, राजद उम्मीदवार मुकेश रौशन और लोजपा के संजय सिंह के बीच त्रिकोणीय मुकाबला दिलचस्प बना हुआ है.