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Delhi Blast Investigation: दिल्ली में 10 नंवबर को लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. इस हादसे में कई लोगों की मौत हो गई और कुछ लोग बुरी तरह घायल हो गए थे. जिसके बाद केंद्र सरकार ने इस घटना को आंतकी करार दे दिया था. इस पूरे मामले में एक- एक करके कई परतें खुली और कई अहम और सनसनीखेज खुलासे भी हुए. अब इस जांच का घेरा पश्चिम बंगाल तक जा पहुंचा है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी ( NIA) अब कोलकाता की प्रेसीडेंसी जेल में बंद आरोपी से इस मामले में पछताछ करेगी. इसके अलावा भी 2 आरोपियों से पूछताछ जारी है. आइए विस्तार से जानें पूरी खबर.
किन आरोपियों से हो रही पूछताछ?
जानकारी के मुताबिक जिन आरोपियों से पूछताछ चल रही है, उनमें से एक महिला है, और दूसरा आरोपी पश्चिम बंगाल का रहने वाला साबिर अहमद है. साबिर ड्रग्स मामले में जेल में बंद है. वहीं आरोपी साबिर अहमद के भाई फैसल अहमद को गुरुवार रात स्पेशल टास्क फोर्स ने आतंकवादी नेटवर्क में उसकी संलिप्तता के बारे में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया. माना जा रहा है कि अधिकारी साबिर अहमद से उसके भाई के आतंकवादी नेटवर्क से कथित संबंधों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए लगातार पूछताछ कर रहे हैं.
कोलकाता के मौलाना आज़ाद कॉलेज की छात्रा भी हिरासत में
इस कड़ी में एक और नाम जुड़ा है, तानिया परवीन का, वह मार्च 2020 में गिरफ्तार लश्कर-ए-तैयबा की हैंडलर है. उसे भारत में सक्रिय आतंकवादी मॉड्यूल की बड़ी योजनाओं की जानकारी थी. कोलकाता के मौलाना आज़ाद कॉलेज की छात्रा परवीन ईरान, इराक और ट्यूनीशिया के 20 व्हाट्सएप ग्रुपों का हिस्सा पाई गई और उनसे जुड़ने के लिए एक पाकिस्तानी नंबर का इस्तेमाल करती थी. बंगाल स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा परवीन की गिरफ्तारी के बाद, उसे एनआईए ने हिरासत में ले लिया.
परवीन, जो अब अलीपुर महिला सुधार गृह में बंद है, मौलाना मसूद अजहर की बहन और जैश की महिला शाखा की प्रमुख सईदा अजहर के निर्देशों पर काम करने वाले समूहों का हिस्सा थी. परवीन कथित तौर पर आतंकवादियों के लिए ऑनलाइन भर्ती का काम संभालती थी और उसकी गतिविधियों पर नज़र रखी जा रही है.
कौन है सैयद इदरीस?
लश्कर एजेंट सैयद इदरीस उर्फ मुन्ना को 2020 में गिरफ्तार किया गया था और वह दमदम सेंट्रल जेल में बंद है। उसने लश्कर के स्लीपर सेल के लिए युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और भर्ती करने के लिए विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया। इदरीस आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान स्थित आकाओं द्वारा संचालित विभिन्न सोशल मीडिया समूहों का हिस्सा था। इदरीस जिहादियों को धन भी पहुँचाता था, जिसके कारण उसकी गतिविधियों की नए सिरे से जाँच शुरू हो गई है.