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Masik Shivratri Vrat 2025: कल मासिक शिवरात्रि व्रत के दिन बन रहा है शुभ योग! जानें सही पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र

Margashirsha Masik Shivratri 2025: कल मासिक शिवरात्रि का व्रत का व्रत किया जाएगां. इस दिन दो शुभ योग का सहयोग बन रहा हैं, जिससे दिन शिव पूजा के लिए और भी शुभ है. चलिए जानते हैं यहां कल का शुभ मुहूर्त, सही पूजा विधि और मंत्र

Written By: Chhaya Sharma
Last Updated: 2025-11-17 18:54:41

Margashirsha Masik Shivratri 2025: हर मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन मासिक शिवरात्रि का व्रत किया जाता है, यह दिन भगवान शिव की पूजा का होता है और माह के इस दिन को साधना-सिद्धि, मंत्र-सिद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का अत्यंत प्रभावी समय माना जाता है. कहा जाता है कि इस दिन जो भी व्यक्ति पूरे विधि विधान से शिव जी की पूजा करता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है, जीवन से संकट कम होते हैं.

कब है मासिक शिवरात्रि? 

 हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 18 नवंबर के दिन सुबह 7 बजकर 12 मिनट से हो रहा है और समापन 19 नवंबर के दिन सुबह 09 बजकर 43 मिनट पर होगा. ऐसे में निशिता मुहूर्त के आधार पर 18 नवंबर दिन मंगलवार को मासिक शिवरात्रि का व्रत किया जाएगाय  है.

मासिक शिवरात्रि के दिन बन रहा है शुभ योग

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार आयुष्मान योग और सौभाग्य योग का सहयोंग बन रहा है. आयुष्यमान भव एक आशीर्वाद है जिसे वरिष्ठ लोग छोटों को आयुष्यमान भव: कहकर आशीर्वाद देते हैं. यह आशीर्वाद लंबी आयु के लिए दिया जाता है. ठीक इसी प्रकार ज्योतिष में आयुष्मान योग है जिसमें किए गए कार्य लंबे समय तक शुभ फल देते रहते हैं. जीवनभर इनका असर बने रहने के कारण इसे आयुष्मान योग कहा जाता है. सौभाग्य योग सदा मंगल करने वाला योग है| इसलिए इसे मंगलदायक योग भी कहते हैं | साथ ही नाम के अनुरूप यह भाग्य को बढ़ाने वाला और वैवाहिक जीवन को सुखद बनाने वाला भी है.

मासिक शिवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त

मासिक शिवरात्रि की पूजा निशा काल में की जाती है.  ऐसे में 18 नवंबर मासिक शिवरात्रि की पूजा का निशिता मुहूर्त रात 11 बजकर 40 मिनट से देर रात 12 बजकर 33 मिनट तक है. इस समय अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त देर रात 12 बजकर 07 मिनट से लेकर देर रात 01 बजकर 47 मिनट तक है. मासिक शिवरात्रि के अवसर पर शिववास भोजन प्रात:काल से लेकर सुबह 07 बजकर 12 मिनट तक है, इसके बाद शिववास श्मशान में होगा. कल अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 45 मिनट से लेकर  दोपहर 12 बजकर 28 मिनट तक रहेगा. वही कल राहुकाल का समय दोपहर 2 बजकर 46 मिनट से शुरू होकर शाम 4 बजकर 6 मिनट तक रहेगा

मासिक शिवरात्रि व्रत का महत्व

मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा की जाती हैं, कुछ भक्त इस दिन व्रत भी करते हैं. मान्यता के अनुसार मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से हर मनोकामना पूरी होती है और वैवाहिक जीवन में मधुरता बढ़ती हैं. इसके अलावा मनचाहे वर पाने के लिए भी आप ये व्रत कर सकते हैं. पुराणों में भी शिवरात्रि व्रत का उल्लेख किया गया है, शास्त्रों के अनुसार देवी लक्ष्मी, इन्द्राणी, सरस्वती, गायत्री, सावित्री, सीता, पार्वती और रति  इन सभी देवियों ने भी शिवरात्रि का व्रत किया था.

मासिक शिवरात्रि की सही पूजा विधि क्या है

मासिक शिवरात्रि के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें, फिर मंदिर को अच्छे साफ करें और गंगाजल से शुद्ध करें. इसके बाद पूरे विधि-विधान से भगवान  शिव और मां पार्वती की पूरे विधि विधान से पूजा करें. पास के मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जल या दुध अर्पित करें. इसके अलावा प्रदोष काल में भी शिवलिंग की पूजा करें. शिवलिंग पर बिल्वपत्र, चंदन, अक्षत, फल और फूल चढ़ाएं. इसके बाद शिव जी आरती करें और उन्हें भोग लगाएं.  

सोम प्रदोष के शुभ मंत्र

शिव पंचाक्षरी मंत्र

ॐ नमः शिवाय

महामृत्युंजय मंत्र

ॐ त्र्यंबकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्.

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥

ॐ शांभव्यै नमः

ॐ पार्वतीपतये नमः हर हर महादेव शिव शंम्भू

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है. पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें. India News इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है.

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