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Premanand Maharaj: मंगल–शनि को नॉनवेज छोड़ने का कितना है असर? प्रेमानंद महाराज ने दिया बड़ा बयान

Premanand Maharaj Pravachan: कुछ लोग मंगलवार और शनिवार को मांसाहारी खाना नहीं खातें हैं, अपने एक प्रवचन के दौरान, प्रेमानंद महाराज ने भी बताया है कि क्या खाना सही और काफी है.आइए जानतें हैं.

Written By: Shivashakti narayan singh
Last Updated: November 20, 2025 16:50:29 IST

Premanand Maharaj Pravachan: मंगलवार और शनिवाप को भगवान हनुमान जी का दिन माना जाता है इसलिए आपने कई लोगों को यह कहते सुना होगा, “आज मंगलवार है, और हम मांसाहारी खाना नहीं खाएंगे.” या, “आज शनिवार है, हमें अंडे बिल्कुल नहीं खाने चाहिए.” बहुत से लोग इसके पीछे का लॉजिक समझते हैं, लेकिन कुछ लोग कन्फ्यूज रहते हैं. यह लोगों की मान्यताओं और पारंपरिक कारणों से होता है. जबकि शनिवार वह दिन है जब शनि देव की पूजा की जाती है. भगवान हनुमान ब्रह्मचारी हैं, और हिंदू धर्म में शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है.

मंगलवार और शनिवार को मांसाहारी खाना क्यों मना है?

इन दोनों दिनों मांसाहारी खाना खाना गलत माना जाता है क्योंकि तामसिक खाना गलत माना जाता है. ऐसा करने से ये देवता नाराज हो सकते हैं, और इसका असर हमारी जिंदगी में साफ दिखता है. इसके अलावा, मंगलवार और शनिवार को नॉन-वेज खाने से मंगल और शनि ग्रह पर बुरा असर पड़ता है. अब सवाल यह है कि क्या इन दो दिनों में नॉन-वेज खाना छोड़ देना काफी है? वृंदावन के जाने-माने संत प्रेमानंद महाराज ने भी इस मामले पर अपनी राय दी है.

नॉन-वेज खाना छोड़ दें

इस पर प्रेमानंद महाराज ने कहा, “नहीं, नहीं, ऐसा नहीं है. अगर हम गंगा में नहाते हैं और फिर नाले में लोटते हैं, तो गंगा में नहाने का क्या मतलब है? अगर हमने शनिवार को न खाने का फैसला किया है, मंगलवार को नहीं, तो हमें हर दिन नहीं खाना चाहिए. बुरी आदतें छोड़ दें. रविवार को खाने-पीने का क्या फायदा? यह ठीक नहीं है. अगर आप छोड़ते हैं, तो पूरी तरह से छोड़ दें.” प्रेमानंद महाराज ने आगे हंसते हुए कहा, “जो लोग मेरे पास आते हैं, उन्हें डर लगता है कि बाबा उन्हें छोड़ने पर मजबूर कर देंगे. अब, जो लोग आए हैं, उन्हें निश्चित रूप से छोड़ना चाहिए.”

अच्छे कर्मों से मोक्ष मिलेगा

प्रेमानंद महाराज ने इस विषय पर आगे कहा कि शराब छोड़ दो, मांसाहारी खाना छोड़ दो. तुम्हारा शरीर वैसे भी मजबूत हो जाएगा. उठक-बैठक करो. शुद्ध देसी दूध, घी, ये चीजें…हमारे यहां इतनी सारी चीजें हैं. देखो, शरीर को काटने पर दर्द होता है, है ना? किसी भी जीव को काटकर खाना अच्छा नहीं है. खैर, यह शरीर कब तक स्वस्थ रहेगा? बुढ़ापा आएगा. बीमारी आएगी. मौत आएगी. लोग कितने भी स्वस्थ क्यों न हों, उनकी जान एक सेकंड में चली जाती है. हार्ट फेल हो जाता है. लोग बैठे-बैठे गिर जाते हैं.

Disclaimer : प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. INDIA News इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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