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Hindi Marathi Row: मुंबई लोकल में हिंदी बोलने पर पिटाई, तनाव में घर लौटकर 19 साल के स्टूडेंट ने कर ली खुदकुशी

Marathi Language Row: मुलुंड कॉलेज के 19 वर्षीय स्टूडेंट को लोकल ट्रेन में सिर्फ हिंदी बोलने पर 4-5 पैसेंजर्स ने पीटा, जिससे वह गहरे मानसिक सदमे में आ गया. घर लौटने के बाद उसने सुसाइड कर लिया. पुलिस अब आरोपियों की तलाश में जुटी है.

Written By: Mohd. Sharim Ansari
Last Updated: November 20, 2025 19:44:04 IST

Maharashtra: मुंबई के पास कल्याण में हिंदी-मराठी भाषा के झगड़े में 19 साल के कॉलेज स्टूडेंट (Arnav Khaire) की जान चली गई. यह चौंकाने वाली घटना ठाणे जिले के कल्याण ईस्ट के तीसगांव नाका इलाके में हुई, जहां हिंदी बोलने पर पीटे जाने के बाद एक कॉलेज स्टूडेंट ने सुसाइड कर लिया. परिवार के मुताबिक, 18 नवंबर को मुंबई लोकल ट्रेन में भाषा के झगड़े और मारपीट की वजह से वह बहुत स्ट्रेस में था.

क्या हुआ था लोकल ट्रेन में?

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अर्नव खैरे (19) हर दिन की तरह मंगलवार सुबह कॉलेज के लिए घर से निकला था. वह मुलुंड के केलकर कॉलेज में साइंस फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट था. वह कल्याण से मुलुंड के लिए लोकल ट्रेन में चढ़ा. भीड़ होने की वजह से उसे बार-बार धक्का लग रहा था. इसलिए उसने एक पैसेंजर से हिंदी में कहा कि भाई, थोड़ा आगे बढ़ो, मुझे धक्का लग रहा है. पैसेंजर्स के एक ग्रुप ने अर्नव के मराठी के बजाय हिंदी बोलने पर एतराज़ किया. उन्होंने अर्नव खैरे से पूछा कि क्या तुम्हें मराठी बोलने में शर्म आती है? मराठी स्टूडेंट होने के बावजूद तुम हिंदी बोल रहे हो, जिसके बाद उन्होंने उसे पीटना शुरू कर दिया. अर्नव ने जवाब दिया कि वह भी मराठी है, फिर भी 4-5 पैसेंजर्स ने उसे बुरी तरह पीटा. हिंसा के डर से अर्नव मुलुंड के बजाय ठाणे स्टेशन पर उतर गया. पिता को फ़ोन किया, फिर घर लौटकर सुसाइड कर लिया.

अर्नव के पिता ने बताया वाकिया

अर्नव के पिता, जितेंद्र खैरे ने कहा कि उनका बेटा घर लौटने पर बहुत घबराया हुआ था. उन्होंने कहा कि मेरे बेटे ने कांपते हुए मुझे बताया कि ट्रेन में उसे थप्पड़ मारे गए और धमकाया गया. उससे पूछा गया कि मराठी बोलने में उसे क्या दिक्कत है. ठाणे में उतरने के बाद उसने मुझे फ़ोन भी किया, बहुत डरा हुआ था. फिर भी, वह मुलुंड के लिए दूसरी ट्रेन से गया, कॉलेज का प्रैक्टिकल दिया और घर लौट आया. उस दिन उसने कोई लेक्चर अटेंड नहीं किया.

उन्होंने दावा किया कि मारपीट से अर्नव को गंभीर मेंटल ट्रॉमा हुआ. इसी स्ट्रेस में वह घर आया और फांसी लगा ली. जितेंद्र खैरे ने कहा कि मेरा बेटा चला गया, लेकिन भाषा को लेकर ऐसी नफ़रत और हिंसा कहीं नहीं होनी चाहिए.

अर्नव खैरे तीसगांव नाका, कल्याण (ईस्ट) में सहजीवन सोसायटी में रहता था. अर्नव खैरे के पिता जितेंद्र खैरे से मिली जानकारी के आधार पर कोलसेवाड़ी पुलिस ने ADR एक्ट के तहत केस दर्ज किया.

पुलिस की जांच जारी

अर्नव खैरे के सुसाइड के बाद, कोलसेवाड़ी पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है. रेलवे पुलिस की मदद से आरोपियों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है. स्टेशन के CCTV फुटेज की जांच की जा रही है. इस घटना से परिवार और आस-पास के लोग बहुत दुखी और गुस्से में हैं. परिवार अब इंसाफ और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहा है. पुलिस अभी मामले की जांच कर रही है.

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