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’22 फीट लंबा और 11 फीट चौड़ा…’, जानें अयोध्या राम मंदिर के धर्म ध्वज में क्या है खास?

Ayodhya Ram Temple Flag: राम मंदिर का झंडा इस वक्त चर्चा का विषय बना हुआ है, इसकी खासियत के बारें में हर कोई जाना चाहता है, ऐसे में आइए जानें की यह कितना लंबा है और इस ध्वजा में कौन से कपड़े का इस्तेमाल हुआ है.

Written By: shristi S
Edited By: Rakesh Tiwari
Last Updated: 2025-11-21 12:33:23

Ram Mandir Dhwaja Ceremony: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 25 नंवबर का दिन काफी खास है. दरअसल राम मंदिर में एक भव्य समारोह होने जा रहा है, जिसमें पीएम मोदी मंदिर के मुख्य शिखर पर बटन दबाकर ध्वजा फहराएंगे. राम मंदिर ट्रस्ट के जनरल सेक्रेटरी चंपत राय ने इस बात की पुष्टि की है कि ध्वज केसरिया रंग का होगा, जिसमें ॐ, सूरज और कोविदार पेड़ की तस्वीर होगी. ऐसे में चलिए जानें कि ध्वजा में क्या खास बात है, यह कितना लंबा है और इस ध्वजा में कौन से कपड़े का इस्तेमाल हुआ है. 

22 गुणा 11 फुट का लंबा है झंडा

भगवा झंडे में तीन खास निशान होते हैं: भगवान सूर्य (सूर्य देव), पवित्र अक्षर ‘Om’, और कोविदार पेड़. सूरज का निशान सूर्यवंश को दिखाता है, यानी वह सोलर वंश जिससे भगवान राम थे. जैसे ही झंडा फहराया जाएगा, अयोध्या के मंदिरों, मठों और सनातनी घरों में घंटियों की आवाज़ गूंजेगी. 161 फुट के शिखर के ऊपर 42 फुट का एक पिलर लगाया गया है, और झंडा खुद 22 गुणा 11 फुट का है। यह करीब 4 किलोमीटर दूर से दिखाई देगा.

191 फीट की ऊंचाई पर फहराया जाएगा ध्वज

मंदिर का मुख्य शिखर 161 फीट ऊंचा है, और उसके ऊपर 30 फीट का झंडा लगाया गया है। इसलिए झंडा ज़मीन से 191 फीट की ऊंचाई पर फहराया जाएगा. यह खास तौर पर डिज़ाइन किया गया भगवा झंडा गहरा धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है, जो अयोध्या की विरासत, सूर्यवंश और रामायण के आध्यात्मिक प्रतीकवाद को जोड़ता है. यह झंडा अहमदाबाद के कुशल कारीगरों ने बनाया है। यह खास नायलॉन पैराशूट कपड़े से बना है जो अपनी बहुत ज़्यादा मज़बूती के लिए जाना जाता है.

तेज़ हवाओं को झेलने के लिए डिज़ाइन किया गया

एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस्तेमाल किया गया कपड़ा 200 km/h तक की हवा की स्पीड झेल सकता है. इसका पैराशूट-ग्रेड कंस्ट्रक्शन, मज़बूत पैनल के साथ, इसे बहुत ऊंचाई पर तेज़ हवा के दबाव को झेलने में मदद करता है। झंडे को फटने या नुकसान से बचाने के लिए पैराशूट डिज़ाइन में इस्तेमाल होने वाले उन्हीं स्ट्रेस-बेयरिंग प्रिंसिपल्स के साथ इंजीनियर किया गया है.

झंडे की खास बातें ये हैं-

  • मज़बूत पैराशूट-ग्रेड नायलॉन से बना है जो धूप, बारिश और तेज़ हवा को झेल सकता है
  • टेम्परेचर में बदलाव झेलने के लिए डबल-कोटेड सिंथेटिक लेयर से सुरक्षित है
  • इसका वज़न 2.5 kg है और इसकी अनुमानित उम्र तीन साल है
  • ओरिजिनल रस्सी ट्रायल रन के दौरान टूट गई थी और अब उसे बदल दिया गया है
  • कानपुर से मंगाई गई एक नई रस्सी में स्टेनलेस स्टील का कोर है जो सिंथेटिक नायलॉन फाइबर से लिपटा हुआ है
  • झंडे की ऊंचाई और साइज़ को देखते हुए, इसे सुरक्षित रूप से फहराने के लिए आर्मी और डिफेंस मिनिस्ट्री के एक्सपर्ट्स से मदद ली जा रही है.

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