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64 दिनों तक नहीं होगा दिन, अब यहां दर्शन नहीं देंगे सूर्य देवता; 22 जनवरी तक रहेगी अंधेरी रात

Polar night: ध्रुवीय रात को लोग पोलर नाइट भी कहते हैं. इस दौरान सूरत क्षितिज से ऊपर की तरफ नहीं आता है. जिसके कारण दिन में भी केवल काला अंधेरा नजर आता है. उटकियागविक में मंगलवार को साल 2025 का आखिरी सूर्यास्त होने वाला है.

Written By: preeti rajput
Last Updated: November 21, 2025 13:52:14 IST

Polar Night News: अमेरिका (America) के सबसे उत्तरी इलाके अलास्का (Alaska) में स्थित उटकियागविक में इस मंगलवार को साल 2025 का आखिरी सूर्यास्त हो चुका है. अब पूरे उटकियागविक में ध्रुवीय रात रहेगी. जिसका साफ मतलब है कि अगले 64 दिनों तक सूरज क्षितिज (Horizon) से नीचे रहने वाला है. यानी यहां इस इलाके सूरज नहीं निकलने वाला है. उटकियागविक में 22 जनवरी 2026 तक सूरज नहीं दर्शन देने वाला है. इसका कारण है कि धरती अपनी धूरी पर झुकी हुई है. यह जगह आर्कटिक वृत(Arctic Circle) के ऊपर है. अमेरिका के उत्तर में बसे होने इस शहर में यह हर साल देखने को मिलता रहता है. 

क्या होता है पोलर नाइट का मतलब? 

पोलर नाइट का मतलब ध्रुवीय रात होता है. इस समय सूरज क्षितिज से ऊपर नहीं देखने को मिलता है. जिसके कारण पूरा दिन अंधेरा रहता है. उटकियागविक पहले बारो नाम से जाना जाता है. यह आर्कटिक सर्कल के अंदर बसता है. पृथ्वी की झूकाव के कारण सूरज कई दिनों तक यहां दिन का उजाला नहीं नजर नहीं आता है. इस साल 18 नवंबर को दोपहर करीब 1:36 बजे डूबा था. फिर वह 22 जनवरी 2026 को वापस निकलने वाला है. 

आखिर क्यों नहीं निकलता सूरज? 

पृथ्वी अपनी धुरी पर 23.5 डिग्री तक झुकी हुई है. सर्दियों के मौसम में उत्तरी ध्रुव सूरज से काफी ज्यादा दूर हो जाता है. जिसके कारण सूरज आर्कटिक इलाकों में नहीं पहुंचता है. वहीं गर्मियों में इसका बिल्कुल उल्टा होता है. तब वह पोलर डे कहलाता है, जब यहां सूरज कभी नहीं डूबता. मई से अगस्त तक 80-85 दिनों तक लगातार सूरज नहीं डूबता है. 

क्या कहते हैं वैज्ञानिक? 

अमेरिका के उत्तर में उटकियागविक बसा हुआ है. यहां हर साल सर्दियों में करीब 64 दिनों के लिए सूरज नहीं उगता है. पहले इसे बारो के नाम से लोग जानते थे. लेकिन, 2016 में नाम बदल दिया गया है. वैज्ञानिक आर्कटिक शोध करते हैं. ग्लोबल वार्मिंग के कारण यहां बर्फ पिघल रही है. जिससे पोलर नाइट प्रभावित हो सकता है.  

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