Indian wedding traditions: अच्छी किस्मत और शादीशुदा जिंदगी में खुशी का प्रतीक माने जाने वाले लाल रंग को भारतीय संस्कृति में बहुत शुभ माना जाता है. शादीशुदा औरतें लाल साड़ी, चूड़ियां, बिंदी और बालों में सिंदूर लगाती हैं क्योंकि यह रंग प्यार, खुशहाली और शुभता का प्रतीक है. दिलचस्प बात यह है कि जहां शादीशुदा जिंदगी में खुशी के दूसरे प्रतीकों में लाल रंग का ज्यादा इस्तेमाल होता है, वहीं मंगलसूत्र का धागा काला होता है. क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों है? आइए विस्तार से समझते हैं.
मंगलसूत्र काला क्यों होता है?
भारतीय संस्कृति में, काले रंग को बुरी नजर से बचाने वाला ताबीज माना जाता है. पुरानी मान्यताओं के अनुसार, काला रंग नेगेटिव एनर्जी को दूर भगाता है और बुरी ताकतों को पास आने से रोकता है. इसीलिए मंगलसूत्र का धागा या मोती काले होते हैं ताकि जोड़े को किसी भी बुरी नजर या बुरे असर से बचाया जा सके. मंगलसूत्र सिर्फ एक गहना नहीं है, बल्कि पति की लंबी उम्र और पत्नी की अच्छी किस्मत का सिंबल है. इसलिए, इसमें ऐसे रंग और मटीरियल शामिल होते हैं जो सुरक्षा, स्थिरता और सिक्योरिटी का सिंबल हैं. काले मोती एक सुरक्षा कवच की तरह काम करते हैं और माना जाता है कि ये शादीशुदा ज़िंदगी को सुरक्षित रखते हैं.
लाल रंग का महत्व
भारतीय परंपराओं में, लाल रंग को एनर्जी, शक्ति और जीवन का प्रतीक माना जाता है. यह रंग देवी शक्ति से भी जुड़ा है, जो अच्छी किस्मत और सुरक्षा का प्रतीक हैं. शादियों में लाल साड़ी, चुन्नी और सिंदूर पहना जाता है क्योंकि माना जाता है कि इससे जोड़े को खुशी, प्यार और अच्छी किस्मत मिलती है. लाल रंग को पॉजिटिव वाइब्स और उत्साह का सिंबल माना जाता है, इसीलिए ज्यादातर शादी और शादी के सिंबल इसी रंग के होते हैं.
मंगलसूत्र का महत्व
मंगलसूत्र साउथ इंडिया से लेकर नॉर्थ इंडिया तक अलग-अलग डिजाइन में पहने जाते हैं, लेकिन इनके काले मोती लगभग हर जगह एक जैसे होते हैं. ये काले मोती पति-पत्नी के रिश्ते में स्थिरता, एकता और सुरक्षा की निशानी हैं. इसके अलावा, कई कम्युनिटी में यह माना जाता है कि काला रंग नेगेटिव विचारों या रुकावटों को रिश्ते में आने से रोकता है. इसी वजह से, शादीशुदा महिलाओं के लिए मंगलसूत्र पहनना शुभ और जरूरी माना जाता है.