Justice Suryakant 53rd CJI: भारत के न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत (Justice Suryakant) सोमवार, 24 नवंबर को देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) की शपथ लेने जा रहे हैं. वह आज से जस्टिस बी.आर. गवई की जगह लेने वाले हैं. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई अहम मुद्दों पर फैसले दिए हैं.
जस्टिस सूर्यकांत का सफर
जस्टिस सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी 1962 को हरियाणा के हिसार में हुआ था. वह बेहद साधारण परिवार से आते थे. उन्होंने अपने दम पर देश की सर्वोच्च अदालत के शीर्ष पद तक का सफर तय किया. उन्होंने अपनी वकालत हिसार से ही शुरु की. इसके बाद उन्होंने पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में प्रैक्टिस की. फिर साल 2018 में हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर चुना गया.
जस्टिस सूर्यकांत के अहम फैसले
1. अनुच्छेद 370
पांच जजों की संविधान पीठ में जस्टिस सूर्यकांत भी शामिल थे. इन सभी ने मिलकर जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले को सुनाया. यह देश का सबसे अहम फैसला था.
2. राजद्रोह कानून
इन पीठ में भी वह एक अहम हिस्सा थे. बेंच ने धारा 124A(राजद्रोह) पर प्रभावी रोक लगाई थी. साथ ही इसे तब तक लागू न करने का निर्देश दिया था, जब तक सरकार इस कानून की पूरी तरह से समीक्षा नहीं करती.
3. पेगासस विवाद
पेगासस स्पाइवेयर मामले में भी जस्टिस सूर्यकांत ने साइबर विशेषज्ञों की एक समिति गठन करने के निर्देश दिए थे. अदालत ने आदेश में कहा था कि सुरक्षा के नाम पर सरकार को इतनी अधिक शक्तियां नहीं दी जा सकती है.
4. बिहार मतदाता सूची
जस्टिस सूर्यकांत ने बिहार मतदाता सूची विवाद को लेकर चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि वह सभी हटाए गए नामों का पूरा विवरण दें, ताकि चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता आ सकें.
5. राज्यपाल और राष्ट्रपति की शक्तियां
राज्यपाल और राष्ट्रपति की शक्तियों से जुड़े महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई में भी जस्टिस सूर्यकांत ने अहम भूमिका अदा की है. हालांकि फैसला आना अभी बाकी है.
6. पीएम मोदी की सुरक्षा चूक की जांच
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान साल 2022 में सुरक्षा चूक पर उन्होंने जांच कमेटी बनाने के आदेश दिए थे.
7. रणवीर इलाहाबादिया विवाद
पॉडकास्टर रणवीर इलाहाबादिया को अपमानजनक टिप्पणियों पर भी उन्होंने चेतावनी दी थी.
8. वन रैंक-वन पेंशन
वन रैंक-वन पेंशन (OROP) योजना को उन्होंने संवैधानिक करार दिया था.