Karnataka Congress Crisis: कर्नाटक (Karnataka) कांग्रेस में एक बार फिर मुख्यमंत्री पद के दावे को लेकर तकरार की खबरें हैं. सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) के बीच लगातार अनबन जारी है. इस तकरार पर भाजपा भी अपनी नजर गड़ाए हुए है. शिवकुमार खेमे के कई विधायक दिल्ली में अपना डेरा डाले हुए हैं. सभी की सिर्फ सीएम बदलने की मांग है. हालांकि, कांग्रेस हाईकमान कोई भी बड़ा फैसला लेने से बचता हुआ नजर आ रहा है.
सूत्रों के मुताबिक, बिहार चुनाव के नतीजों ने पार्टी की परेशानी और भी ज्यादा बढ़ा दी है. ऐसे में पार्टी कोई भी फैसला लेने की हालत में नहीं दिख रही है. आने वाले साल में बंगाल और असम में चुनाव होने हैं. जिसके कारण फिलहाल कर्नाटक में किसी भी तरह का बदलाव नहीं करना चाहती. डीके शिवकुमार अब शक्ति प्रदर्शन कर अपनी ताकत दिल्ली तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. इसलिए तकरार बढ़ती जा रही है और सुलह की संभावना भी नजर नहीं आ रही.
डीके शिवकुमार का शक्ति प्रदर्शन
सूत्रों के मुताबिक, इंदिरा गांधी जयंती के दिन कन्नड़ में डीके शिवकुमार ने एक पोस्ट भी शेयर किया था. जिस पोस्ट का आशय कुछ ऐसा निकल रहा है, “जहां प्रयास है वहां भक्ति है.” माना जा रहा है कि वह इस पोस्ट के जरिए कांग्रेस को अपना पुराना वादा याद दिला रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस की सरकार बनने पर डीके शिवकुमार को ढाई साल बाद सीएम बनाने का वादा किया गया था. अब शिवकुमार उसी वादे को पूरा करने के लिए लगातार दबाव बना रहे हैं. बताया जा रहा है कि शिवकुमार का समर्थन करने वाले विधायक दिल्ली में मौजूद हैं.
डीके शिवकुमार विवाद
सीबीआई और ईडी के दबाव के सामने भी डीके शिवकुमार झुके नहीं हैं. वह लगातार पार्टी के लिए खड़े होकर काम करते रहे. भाजपा कर्नाटक पर अपनी नजरें बनाए हुए है. कांग्रेस के पास 135 विधायक हैं, जिनमें 35-40 विधायक शिवकुमार का समर्थन कर रहे हैं. अगर यह विधायक कांग्रेस से अलग होते हैं, तो सरकार संकट में आ सकती है. कर्नाटक में भी महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसा खेल हो सकता है.