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‘अगर तकदीर में मौत लिखी है’ से लेकर ‘कुत्ते, मैं तेरा खून पी जाऊंगा’ तक, धर्मेंद्र के 10 सुपरहिट डायलॉग

Dharmendra Best Dialogues: आज भी धर्मेंद्र अपने दमदार डायलॉग से फैंस के दिलों पर राज करते है. चाहे वो "कुत्ते, मैं तेरा खून पी जाऊंगा" हो या "अगर तकदीर में मौत लिखी है तो कोई बचा नहीं सकता". इन लाइनों ने सिनेमा के इतिहास पर एक छाप छोड़ी है. ये मशहूर डायलॉग आज भी दमदार है. आइए धर्मेंद्र के सबसे अच्छे डायलॉग को जानते है.

Written By: Mohammad Nematullah
Edited By: Mohd. Sharim Ansari
Last Updated: 2025-11-24 16:53:43

Dharmendra Best Dialogues: बॉलीवुड के ही मैन धर्मेंद्र का निधन हो गया है. धर्मेंद्र ने अब दुनिया को अलविदा कह दिया है. इस खबर से पूरे बॉलीवुड जगत में शोक की लहर दौड़ गई है. वे 89 साल के थे और कई दिनों से बीमार थे. हाल ही में उन्हें मुबंई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. जहां उनका इलाज चल रहा था, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी. कई दिनों तक हॉस्पिटल में भर्ती रहने के बाद धर्मेंद्र को 12 नवंबर को हॉस्पिटल से छुट्टी मिल गई थी. धर्मेंद्र अगले महीने 8 दिसंबर को अपना 90वां जन्मदिन मनाने वाले थे और उनके सही सलामत घर लौटने के बाद खबर आई थी कि उनका पूरा परिवार धर्मेंद्र का 90वां जन्मदिन धूमधाम से मनाएगा लेकिन ऐसा हो न सका.

इस आर्टिकल में हम धर्मेंद्र के 10 सबसे दमदार डायलॉग्स पर बात करेंगे जो आज भी सबकी जुबान पर हैं. चाहे वो ‘कुत्ते मैं तेरा खून पी जाऊंगा…’ हो या ‘बसंती इन कुत्तों के सामने मत नाचना,’ या ‘अगर तुम्हारी किस्मत में मौत लिखी है, तो कुछ भी.’ आइए बॉलीवुड के ही-मैन के इन दमदार डायलॉग्स को जानते है…Dharmendra Famous Dialogues List

Dharmendra Best Dialogues: पढ़िए, अभिनेता धर्मेंद्र के बेस्ट डायलॉग

  1. ‘बसंती, इन कुत्तों के सामने मत नाचना’, फिल्म: शोले (Sholay, 1975)
  2. ‘कुत्ते कमीने! मैं तेरा खून पी जाऊंगा’, फिल्म: यादों की बारात (Yaadon Ki Baaraat, 1973)
  3. ‘एक-एक को चुन-चुन के मारूंगा… चुन-चुन के मारूंगा’, फिल्म: शोले (Sholay, 1975)
  4. ‘ओए! इलाका कुत्तों का होता है, शेर का नहीं’, फिल्म: यमला पगला दीवाना (Yamla Pagla Deewana, 2011)
  5. ‘अगर तकदीर में मौत लिखी है तो कोई बचा नहीं सकता, अगर जिंदगी लिखी है तो कोई माई का लाल मार नहीं सकता’, फिल्म: धरम वीर (Dharam Veer, 1977)
  6. ‘कभी जमीन से बात की है ठाकुर? ये जमीन हमारी मां है’, फिल्म: गुलामी (Ghulami, 1985)
  7. ‘इस कहानी में इमोशन है, ड्रामा है, ट्रैजेडी है’, फिल्म: शोले (Sholay, 1975)
  8. ‘ये दुनिया बहुत बुरी है शांति, जो कुछ देती है बुरा बनने के बाद देती है’, फिल्म: फूल और पत्थर (Phool Aur Patthar, 1966)
  9. ‘यह तो सो रहा था अमन का, बादलों को अपना तकिया बनाकर, इसे जगाया भी तुमने है और उठाया भी तुमने है.’, फिल्म: जीने नहीं दूंगा (Jeene Nahi Doonga, 1984)
  10. ‘किसी भी भाषा का मज़ाक उड़ाना घटियापन है और मैं वही कर रहा हूं’, फिल्म: चुपके चुपके (Chupke Chupke, 1975)

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