Ayodhya Ram Mandir Dhwajarohan: अयोध्या (Ayodhya) के श्रीराम जन्मभूमी मंदिर के शिखर पर आज 25 नवंबर, मंगलवार को भगवा ध्वज फहराया (Ram Mandir Dhwajarohan)जाना है. इस ध्वज पर सूर्य, कोविदार और ऊँ का चिन्ह अंकित है. इन तीनों चिन्हों का नाता सूर्यवंश से जुड़ा हुआ है. भगवान राम भी सूर्यवंश से थे. यह कोविदार ध्वज कलियुग में भी त्रेता का आभास करा रहा है. यह वृक्ष प्राचीन काल से अयोध्या का पहचान रहा है. इसका उल्लेख वाल्मीकि रामायण में भी देखने को मिलता है. मंदिर ट्रस्ट ने इसे ध्वज के रुप में चुनकर राम मंदिर और सूर्यवंश का गौरव और भी ज्यादा बढ़ा दिया है.
मंदिर परिसर में भी लगे हैं कोविदार वृक्ष
राम मंदिर परिसर में कोविदार वृक्ष लगाए गए हैं. यह वृक्ष बढ़कर 10 फुट के हो चुके हैं. अब से इनके भी भक्त दर्शन कर पाएंगे. यह भक्तों को प्राचीन काल का अनुभव कराएंगे. कथाओं के मुताबिक, यह रघुकुल के वृक्ष हैं.
राज ध्वज में कोविदार
अयोध्या के राज ध्वज में कोविदार वृक्ष के प्रतीक को रखा गया है. इस वृक्ष का उल्लेख वाल्मीकि रामायण में भी देखने को मिलता है. अयोध्या कांड के अनुसार जब भगवान राम चित्रकुट में वनवास काट रहे थे, तभी भगवान राम ने लक्ष्मण को ध्वजों लगे हुए रथ और सेना के बारे में पता लगाने को कहा. यह रथ लगातार उनकी तरफ ही आगे बढ़ता जा रहा था.
अयोध्या की प्राचीन धरोहर है ये वृक्ष
इसे देख लक्ष्मण ने कहा कि “भरत स्वयं सेना लेकर आया है. यह ध्वज उसी के रथ पर फहर रहा है.” यह छोटा सा प्रसंग बताता है कि कोविदार आरंभ से अयोध्या की पहचान और प्राचीन धरोहर रही है. लेकिन रघुकुल का यह राज ध्वज कुछ समय के लिए बिसरा गया था. लेकिन इसे रीवा के इतिहासकार ललित मिश्रा ने कई शोध के बाद खोज लिया. इसके बाद इसे ध्वज में जगह दी गई.