Reason for India Defeat: भारत को गुवाहाटी टेस्ट के अंतिम दिन बुधवार को साउथ अफ्रीका ने 408 रनों से करारी शिकस्त दी. 549 रन के कठिन लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम इंडिया 140 पर ढेर हो गई. इसके साथ ही भारत को घरेलू टेस्ट सीरीज में 2-0 से व्हाइटवॉश झेलना पड़ा, जो भारतीय टेस्ट इतिहास की सबसे शर्मनाक हारों में गिनी जा रही है.
भारत की इससे पहले सबसे बुरी हार 2004 में नागपुर में ऑस्ट्रेलिया से 342 रन से मिली थी. यह अब तीसरी बार है जब भारत लगातार सालों में घर पर कोई सीरीज़ हारा है. यह 6 दशकों में पहली बार भी है जब भारत घर पर 7 टेस्ट के दौरान 5 सीरीज़ हारा है.
इस हार के 5 बड़े कारण और गलतियां
1. कोच गौतम गंभीर की रणनीति पर बड़े सवाल
- घरेलू परिस्थितियों में मिली यह शर्मनाक हार कोच गौतम गंभीर की रणनीति पर सवाल उठाती है.
- गंभीर की कोचिंग में टीम इंडिया का टेस्ट मैचों में परफॉर्मेंस लगातार खराब रहा है. इनमें शामिल हैं, न्यूजीलैंड से 3-0 की हार, BGT में 3-1 की शिकस्त, WTC फाइनल के लिए क्वालिफाई न कर पाना और अब अफ्रीका से 2-0 की हार.
- बल्लेबाजी लाइनअप विराट-रोहित युग खत्म होने के बाद लगातार बैटिंग कमजोर हुई है, लेकिन टीम मैनेजमेंट ने उनके उचित विकल्पों पर ध्यान नहीं दिया.
2. प्लेइंग इलेवन में कंफ्यूजन
- भारत लगातार दूसरी टेस्ट सीरीज में स्थायी प्लेइंग XI नहीं ढूंढ पाया.
- ओपनर के तौर पर राहुल व जायसवाल दोनों नाकाम रहे.
- 4-4 स्पेशलिस्ट बैटर खिलाने के बाद भी किसी ने शतक नहीं बनाया.
- ध्रुव जुरैल और नीतीश रेड्डी जैसे खिलाड़ियों का सही उपयोग नहीं हो पाया.
- टीम कॉम्बिनेशन में कंफ्यूजन साफ दिखा और यही हार की बड़ी वजह बना.
3. नंबर-3 का ‘एक्सपेरिमेंट ज़ोन’
- नंबर 3 वह जगह है जो किसी भी टेस्ट टीम की रीढ़ होती है, लेकिन भारत चेतेश्वर पुजारा का विकल्प तलाशने में पूरी तरह नाकाम रहा.
- पहले टेस्ट में वाशिंगटन सुंदर को नंबर 3 पर भेजा गया.
- दूसरे टेस्ट में सुंदर को 8 पर और साई सुदर्शन को 3 पर भेज दिया गया.
- जो खिलाड़ी इस पोज़िशन पर आते हैं, उन्हें बाहर होने का डर लगा रहता है.
- पुजारा के बाद भारत एक भरोसेमंद नंबर-3 ढूंढ ही नहीं पा रहा.
4. स्पिन न खेल पाना: सबसे बड़ी समस्या
- कभी स्पिन को खेलना भारतीय बल्लेबाजों की सबसे बड़ी ताकत थी, लेकिन आज वही मजबूरी बन चुकी है.
- भारतीय बल्लेबाज अफ्रीकी स्पिनर्स के सामने जूझते दिखे.
- सेनुरन मुथुसामी और ट्रिस्टन स्टब्स ने जिस खूबसूरती से भारतीय स्पिन का सामना किया, उसने अंतर साफ कर दिया.
- घर की पिचों पर स्पिन के खिलाफ ऐसी कमजोर बल्लेबाजी टीम इंडिया के लिए चिंता का विषय है.
5. बड़े टारगेट का डर!
- 549 का लक्ष्य असंभव तो नहीं था, पर भारतीय टीम ने शुरुआती विकेटों के साथ ही हथियार डाल दिए.
- टॉप ऑर्डर फिर ध्वस्त हुआ.
- मिडिल ऑर्डर कोई चुनौती पेश किए बिना ही ढह गया.
- किसी भी बैटर में लंबी पारी खेलने का धैर्य नहीं दिखाया.
- ऐसा लग रहा था कि टीम पहले से ही हार मान चुकी थी.
इस परिणाम के बाद यह साफ़ नज़र आता है कि भारत लाल गेंद के फॉर्मेट में अच्छे प्रदर्शन से चूक रहा है, जिसका बड़ा कारण हमने कोचिंग में देखा. इन गलतियों से बुनियाद तो कमज़ोर हुई मगर कन्फ्यूजन भी पैदा हुए. ऐसे हालात आगे न उभरे, इसके लिए कोचिंग और सिलेक्शन पर ख़ास तवज्जो देना बहुत अहम है.