Ahmedabad: ग्लासगो, स्कॉटलैंड में हुई मीटिंग में 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेज़बानी भारत के अहमदाबाद को आधिकारिक तौर पर मिल गई. 2030 वाले गेम्स कॉमनवेल्थ गेम्स के 100 साल पूरे होने का खास मौका होंगे. इसलिए इस फैसले को ऐतिहासिक माना जा रहा है. भारत के प्रस्ताव की थीम थी – ‘New Age Games for a New Century’ जिसमें फोकस रहा इंक्लूसिविटी, सस्टेनेबिलिटी और टेक्नोलॉजी पर. गेम्स का मुख्य केंद्र होगा सरदार वल्लभभाई पटेल स्पोर्ट्स एन्क्लेव, साथ में गुजरात पुलिस अकादमी और वीर सावरकर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स भी प्रमुख स्थान होंगे.

मुख्यमंत्री ने जताई खुशी
हमारे साथ Exclusive बातचीत में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी भारत को मिलने पर खुशी जताई. उन्होंने कहा कि यह भारत के स्पोर्ट्स सेक्टर, इंफ्रास्ट्रक्चर और अंतरराष्ट्रीय क्षमता की बड़ी पहचान है और गुजरात में इसका आयोजन हमारे लिए गर्व की बात है.
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश में खेलों के लिए बेहतरीन वातावरण तैयार हुआ है. गुजरात भी इसी दिशा में तेजी से काम कर रहा है – खेल सुविधाओं में बड़ा निवेश, आधुनिक स्टेडियम और ट्रेनिंग सेंटर, युवाओं के लिए रोजगार और अंतरराष्ट्रीय अवसर.
मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि कॉमनवेल्थ गेम्स से गुजरात और पूरे देश के खिलाड़ियों को नई उड़ान मिलेगी.
15 साल बाद मिला मौका
भारत में आख़िरी बार कॉमनवेल्थ गेम्स 15 साल पहले वर्ष 2010 में दिल्ली में हुए थे, और अब 2030 में दोबारा इतने बड़े अंतरराष्ट्रीय इवेंट की मेज़बानी मिलना भारत के खेल इतिहास में एक बड़ा माइलस्टोन माना जा रहा है.
यह फैसला भारत की 2036 ओलंपिक बोली को भी बड़ा बल देगा, क्योंकि 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेज़बानी से देश एक बार फिर दुनिया के सामने अपने खेल इंफ्रास्ट्रक्चर, मैनेजमेंट और आयोजन क्षमता का मजबूत प्रदर्शन करेगा.