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Ayodhya Ram Temple Flag Installation: अयोध्या (Ayodhya) के लिए मंगलवार का दिन काफी विशेष था, पीएम मोदी (PM Modi) ने राम मंदिर (Ram Temple) के शिखर पर धर्म ध्वज की स्थापना की. इस विशेष दिन पर पाकिस्तान (Pakistan) जहर न उगले ऐसा कैसे हो सकता था. पाकिस्तान ने इसे भारत के अल्पसंख्यकों और मुस्लिम विरासत के लिए एक खतरा बताया जिसपर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पाकिस्तान को सख्त रुप से प्रतिक्रिया दी है. आइए विस्तार से जानें पूरा मामला.
क्या कहा था पाकिस्तान ने?
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक ऑफिशियल बयान जारी किया, जिसमें धार्मिक झंडा फहराने की घटना को इस्लामोफोबिया और विरासत का गंभीर अपमान बताया गया. पाकिस्तान ने कहा कि यह भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर दबाव के एक बड़े पैटर्न और हिंदुत्व विचारधारा के असर में मुस्लिम सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को जानबूझकर खत्म करने की कोशिशों को दिखाता है. पाकिस्तान ने राम मंदिर बनाने की इजाज़त देने के लिए देश की सरकार और न्यायपालिका पर भी हमला किया. इसने इसे भारत के अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव वाला बताया.
पाकिस्तान ने कहा कि राम मंदिर अब उस जगह पर बना दिया गया है जहां कभी बाबरी मस्जिद हुआ करती थी. बाबरी मस्जिद सदियों पुरानी धार्मिक जगह थी जिसे 6 दिसंबर, 1992 को भीड़ ने गिरा दिया था. इसके अलावा, पाकिस्तान ने 22 जनवरी, 2024 को हुए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह की भी निंदा की. उस समय, पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा था कि हम अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन की निंदा करते हैं. यह मंदिर बाबरी मस्जिद को गिराकर बनाया गया था. भारत में बढ़ती हिंदुत्व की सोच धार्मिक सद्भाव और इलाके की शांति के लिए एक बड़ा खतरा है. ऐसा करके भारत मुसलमानों को अलग-थलग करने की कोशिश कर रहा है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल का बयान
इस पर भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान को दूसरों को उपदेश देने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. जायसवाल ने पाकिस्तान के कट्टरता, दमन और अपने अल्पसंख्यकों पर ज़ुल्म के दागदार रिकॉर्ड का ज़िक्र किया. जायसवाल ने पाकिस्तान की टिप्पणियों पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमने उनके बयान देखे हैं और उन्हें खारिज करते हैं. एक ऐसे देश के तौर पर जिसका कट्टरता, दमन और अपने अल्पसंख्यकों पर सिस्टमैटिक ज़ुल्म का गहरा दागदार इतिहास है, पाकिस्तान को दूसरों को उपदेश देने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.