प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज सुबह 11 बजे भारत के पहले प्राइवेट ऑर्बिटल रॉकेट, विक्रम-I का अनावरण कर दिए है. यह 7 मंज़िला है और इसे प्राइवेट स्पेस कंपनी स्काईरूट एयरोस्पेस ने बनाया है. वह कंपनी के नए इनफिनिटी कैंपस का भी उद्घाटन करेंगे. इस कैंपस में अलग-अलग लॉन्च व्हीकल के डिज़ाइन, डेवलपमेंट, इंटीग्रेशन और टेस्टिंग का काम होगा. यह कैंपस हैदराबाद, तेलंगाना में है. जहां कंपनी का हेड ऑफिस भी है.
स्काईरूट एयरोस्पेस की स्थापना 2018 में पवन चंदना और भारत ढाका ने की थी, जो दोनों IIT ग्रेजुएट और ISRO के पूर्व साइंटिस्ट है. कंपनी ने इससे पहले 2022 में विक्रम-S रॉकेट लॉन्च किया था, जो एक सब-ऑर्बिटल रॉकेट था जो पृथ्वी की सतह से 100 km ऊपर पहुंचा था लेकिन पृथ्वी की कक्षा में नहीं पहुंचा था.
PM मोदी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि ‘नवाचार, उद्यमशीलता आज नई बुलंदी छू रही है. आज का ये कार्यक्रम इस बात का प्रतिबिंब है कि आने वाले समय में भारत ग्लोबल सैटेलाइटट लॉन्च इकोसिस्टम में एक लीडर बनकर उभरेगा. मैं पवन कुमार चंद्रा और नागाभर डागा को बहुत-बहुत शुमकामनाएं देता हूं.’
रॉकेट क्यों खास है?
- स्काईरूट कंपनी का पहला लॉन्च व्हीकल है जो सैटेलाइट को ऑर्बिट में पहुंचा सकता है. यह रॉकेट छोटे सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
- विक्रम-1 का स्ट्रक्चर पूरी तरह से कार्बन कम्पोजिट से बना है और इसमें 3-D प्रिंटेड लिक्विड इंजन का इस्तेमाल किया गया है, जिससे यह हल्का और मजबूत है.
- रॉकेट को एक बार फायर करने के बाद फिर से शुरू किया जा सकता है, जिससे एक ही लॉन्च में कई सैटेलाइट को अलग-अलग ऑर्बिट में भेजा जा सकता है.
- कंपनी का दावा है कि इस रॉकेट को डिमांड पर बनाया जा सकता है और 24 घंटे के अंदर किसी भी लॉन्च साइट से लॉन्च किया जा सकता है.
7 साल का स्टार्टअप जर्नी
2018: हैदराबाद, तेलंगाना में ऑफिस बनाया गया है.
2020: प्राइवेट रॉकेट इंजन रमन-1 का पहला स्टैटिक फायर टेस्ट हुआ.
2021: भारत का पहला प्राइवेट तौर पर बनाया गया क्रायोजेनिक इंजन, धवन-1, का टेस्ट फायर किया गया था.
2022: भारत का पहला प्राइवेट सब-ऑर्बिटल रॉकेट, विक्रम-S, सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया.
2024: सबसे बड़ा प्राइवेट रॉकेट स्टेज, कलाम-250, स्टैटिक फायर किया गया.
2025: भारत का पहला प्राइवेट ऑर्बिटल रॉकेट, विक्रम-1, पूरा हुआ.